बच्चों की शिक्षा और देखभाल का दायित्व मिला है इसे केवल नौकरी ही न समझे मानवीय संवेदनाओं के साथ सेवा और समर्पण की भावना से कर्तव्य करें : कलेक्टर
रिपोर्टर : रवि गांधरला
बीजापुर। कलेक्टर अनुराग ने जिले के समस्त आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिन आवासीय विद्यालय के अधीक्षक, मंडल संयोजको की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा देना एक पुण्य कार्य है और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी मिली है इसे केवल नौकरी न समझे नन्हे नौनिहालों का देखभाल करना एक महान कार्य है, इसे पूरी संवेदनशीलता के साथ सेवा और समर्पण भाव से करे। आप उनके अभिभावक से बढ़कर हो उनके माता-पिता से ज्यादा समय वह आपके सानिध्य में रहते है, इसलिए उनकी बेहतर शिक्षा उनका स्वास्थ्य एवं सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर रहे।
बेहतर शिक्षा का मतलब केवल बेहतर परीक्षा परिणाम ही नही है, उनके अलावा नैतिक रुप से सम्पन्न और समृद्ध बनाना है और एक उन्नतिशील समाज का निर्माण करना है। बच्चों में नैतिकता का गुण होने से सभ्य समाज का निर्माण होगा। कलेक्टर ने सभी अधीक्षकों को संबोधित करते हुए एजेंडावार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए समीक्षा किया। जिसमें भूतपूर्व विद्यार्थियों का सम्मेलन आयोजित करने ताकि भूतपूर्व छात्र-छात्राएं आपसे जुड़े रहे और आवासीय स्कूलों के बच्चों को छात्रावास, आश्रम की विशेषताओं को बताएं उन्हें अच्छी शिक्षा के मार्गदर्शन एवं प्रेरित कर सके।
मीनू का पालन कड़ाई से करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक संस्था में मीनू चार्ट प्रदर्शित होगा। दिन-तिथिवार भोजन की जानकारी और कलेक्टर का मोबाईल नंबर रहेगा, ताकि किसी भी प्रकार की मीनू से संबंधित शिकायत होने पर मुझे व्यक्तिगत नाम गोपनीय रहेगा। शौचालय और स्नानागार में नियमित साफ-सफाई एवं दुर्गंध मुक्त हो, पानी की पर्याप्त निकासी हो, रनिंग वाटर की उपलब्धता सुनिश्चित हो। सभी भवनों में विद्युतीकरण, दिवारों पर महत्वपूर्ण जानकारी का प्रदर्शन, देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री का फोटो अनिवार्य रुप से लगाने, किचन गार्डन और बागवानी का निर्माण करने, नियमित रुप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने, परिसर को साफ-सुधरा रखने, मच्छरदानी का नियमित उपयोग सुनिश्चित करने, बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सर्तक रहने के निर्देश दिए। बोर्ड परीक्षा के समय बच्चों को तनावमुक्त रखने के निर्देश दिए है। परीक्षा परिणाम के बाद इस वर्ष की व्यापक रुप से समर कैंप का अयोजन के निर्देश दिए गए।
जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने आवासीय विद्यालयों में बच्चों को नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार करने के निर्देश दिए। अधिक से अधिक बच्चों का चयन कराने पर जोर दिया। बच्चों की प्रतिभा को निखारने उनके विचार अभिव्यक्ति के कौशल को बढ़ाने प्रत्येक शनिवार को बाल संसद आयोजित कर विभिन्न गतिविधियों में बच्चों को शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास केएस मशराम, जिला परियोजना समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन विजेन्द्र राठौर समस्त बीईओ, एबीईओ, मंडल संयोजक एवं अधीक्षकगण उपस्थित थे।