धनतेरस के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान कुबेर का पूजन, जानिए खरीदारी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाले पर्व धनतेरस की शुरूआत 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन यानी 30 अक्तूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा. इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप दीपदान करके धन वैभव की प्राप्ति कर सकते हैं.
धनतेरस पूजा विधि और महत्व
धनतेरस के दिन पांच दिनों तक चलने वाला दीपोत्सव पर्व शुरू हो जाता है। धनतेरस के दिन खरीदारी, निवेश और नया कार्य करने के लिए विशेष महत्व होता है। इस दिन पूरे दिन शुभ खरीदारी की जाती है। ऐसे मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदारी करने और शुभ कार्य करने पर इसमें कई गुना फल मिलता है। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा होती है।
धनतेरस का पर्व प्रदोष व्यापिनी तिथि में मनाने का विधान है। इस दिन परिवार में आरोग्यता के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर यमदेव देवता का ध्यान करके दक्षिण दिशा पर दीपक स्थापित करना चाहिए। इस दिन प्रदोष काल में ‘ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः। मंत्र से षोडशोपचार विधि द्वारा पूजन अर्चन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप परिवार में दीर्घायु और आरोग्यता बनी रहती है।
धनतेरस पर क्यों किया जाता है दीपदान?
शास्त्रों और पुराणों में धनतेरस पर दीपदान करने के पीछे कई कथाएं बताई जाती हैं. दीपदान करने की परंपरा बहुत पुरानी है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि तुम हर दिन हजारों लोगों के प्राण लेकर आते हो, क्या कभी तुम्हें किसी पर दया नहीं आती. इसपर एक यमदूत कहा कि मृत्यु लोक में एक हेम नाम का राजकुमार था जिसके जन्म होने पर ज्योतिषियों ने बताया था कि जब भी बालक विवाह करेगा तो उसके चार दिन इसकी मौत हो जाएगी.
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस दिन खरीददारी का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 10.00 बजे तक रहेगा. वहीं, दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 02.00 बजे से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा जबकि तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 32 बजे तक होगा.