बालोद। राज्य शासन की विशेष प्राथमिकता वाले महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत राज्य में लागू की गई बाड़ी विकास योजना आज महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का कारगर माध्यम बन गया है। बालोद जिले के अंतर्गत इस योजना के फलस्वरूप महिलाएं अच्छी-खासी आमदनी अर्जित कर घरेलु कार्यों में भी अपना योगदान दे रही है। इसके अलावा महिलाएं अब घरेलु कार्यों एवं पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के पश्चात् बाड़ी विकास के कार्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। राज्य शासन के बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत आज डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम भैंसबोड़ के जय माँ परमेश्वरी स्वसहायता समूह की महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त होकर बाड़ी विकास कार्यक्रम को वृहद स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम भैंसबोड़ गौठान के समीप बाड़ी विकास कार्य संचालित होने से स्वसहायता समूह की महिलाओं को बाड़ी योजना के अलावा गौठान में संचालित विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों से जुड़कर स्वयं को सशक्त बनाने और आर्थिक रूप आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है। उल्लेखनीय है कि ग्राम भैंसबोड़ में गौठान के समीप लगभग 05 एकड़ में बनाए गए चारागाह में जय माँ परमेश्वरी स्वसहायता समूह की महिलाओं को बाड़ी विकास का कार्य मिला है। समूह की श्रीमती रूपवंतिन बाई निषाद ने बताया कि बाड़ी विकास का कार्य मिलने से उन्होंने चारागाह परिसर में अथक मेहनत से निरंतर ही सब्जी उत्पादन का कार्य किया है। इससे उन्हें नियमित रूप से आय अर्जित हो रही है। उन्होंने बताया कि वे मौसम के अनुरूप सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं। इसमें उन्हें उद्यानिकी विभाग की योजना के तहत् ड्रिप सिंचाई सहित तकनीकी मार्गदर्शन समय-समय पर प्रदान किया जाता है।
उन्होंने बताया कि उनके बाड़ी में जैविक खाद का उपयोग किया जाता है, जिससे बाड़ी में उत्पादित सब्जियों की काफी माँग है। वे उत्पादित सब्जियों को ग्रामीण हाट-बाजारों के साथ ही सब्जी मण्डी में विक्रय करते है तथा ग्राम भैंसबोड़ के ग्रामीण उनके चारागाह में ही आकर सब्जी खरीद लेते हैं। रूपवंतिन बाई ने बताया कि सब्जी विक्रय से उन्हें बहुत मुनाफा हुआ है, घर के खर्चांे के साथ ही उन्होंने हाल ही में दो पहिया वाहन भी खरीदा है। जिसके माध्यम से वे सब्जी विक्रय का कार्य आसानी से कर लेते हैं। वाहन खरीदने के बाद से अब वे समय पर सब्जी मण्डी व बाजार पहुॅच जाते हैं, इससे उनके उत्पादित सब्जियों को अच्छा दाम भी बाजार में मिल जाता है।