हम किसानों का कर्ज माफ करते हैं, बीजेपी उद्योगपतियों का : मुख्यमंत्री बघेल
रायगढ़। बीजेपी किसान विरोधी है। केंद्र की मोदी सरकार तीन काले कृषि कानून लागू करती है, जिसके खिलाफ आंदोलन में 800 किसानों की जान चली गई। हमारी कांग्रेस की सरकार किसानों का कर्ज माफ करती है, तो बीजेपी के पेट में दर्द होता है। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को रायगढ़ में आयोजित जनसभा में कही।
जनसभा में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक बीजेपी सरकार ने किसानों को ठगने का काम किया। 2014 से 2018 तक यहां भी डबल इंजन की सरकार थी। उस डबल इंजन की सरकार में किसानों पर अत्याचार कर कहर बरपा दिया गया था। बीजेपी बोनस के वादे से मुकर गई। 15 क्विंटल धान खरीदी को 10 क्विंटल कर दिया गया। जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, तो धान खरीदी पर किसानों को 50 से 60 रुपये बोनस मिलता था। 80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होती थी। मोदी के आते ही बोनस मिलना बंद हो गया और धान खरीदी भी घटकर 56 मीट्रिक टन हो गई।
झूठ बोलते हैं मोदी
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्र सरकार करती है। वे झूठ बोलते हैं। मोदी बताएं कि बनारस में किसान 1200 रुपये में धान बेचने को क्यों मजबूर हैं, जबकि वहां डबल इंजन की सरकार है। हम जैसे ही किसानों के कर्जमाफी की घोषणा करते हैं बीजेपी सवाल खड़े करने लगती है। बीजेपी की केंद्र सरकार भी कर्ज माफ करती है लेकिन सिर्फ उद्योगपतियों का। वो उद्योगपतियों का साढ़े 14 लाख करोड़ रुपये रुपये का कर्ज माफ कर देते हैं, हम किसानों का कर्ज माफ करते हैं तो सवाल खड़े करते हैं। विपक्ष में होने के बाद भी बीजेपी के नेताओं ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है।
बीजेपी की आदिवासियों से पता नहीं क्या दुश्मनी है
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कहा कि बीजेपी की आदिवासियों से पता नहीं क्या दुश्मनी है। उनकी सरकार में आदिवासियों की जमीन छीन ली गई। आदिवासियों से जर्सी गाय देने का वादा कर रमन सिंह मुकर गए। जबकि कांग्रेस की सरकार में आदिवासियों को जमीन लौटाई गई। उनके विकास के लिए काम हुआ है।
हम अपनी घोषणा पर अडिग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस चार घोषणाएं कर चुकी है। प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी किसी भी कीमत पर होकर रहेगी। 17.5 लाख परिवार को आवास दिलाने की प्रक्रिया हमने शुरू कर दी है। हमारी सरकार बनते ही किसानों का कर्ज फिर माफ होगा और जातिगत जनगणना होकर रहेगी।