ग्रामीणों ने नौकरी और मुआवजे की मांग पर खदानों में जड़ा ताला
नौकरी व मुआवजा की मांग पर अड़े ग्रामीण , दो दिन से केतकी खदान के मुख द्वार को ताला जड़कर जमकर किया विरोध, अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी डटे रहे ग्रामीण
सूरजपुर @ जय प्रकाश साहू। एसीसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के केतकी कोयला खदान के आश्रित ग्राम जोबगा के ग्रामीण ने जमीन के बदले नौकरी व मुआवजा की मांग करते हुए बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित होकर और खदान के मुख्य द्वार पर ताला जड़ा और इसका विरोध जताया।
मिली जानकारी के अनुसार एसइसीएल विश्रामपुर क्षेत्र का केतकी खदान कागजी प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण कई सालों से बंद पड़ा था जिसका कागजी कार्यवाही पूरा होने के बाद इस साल से फिर से कोयला का उत्पादन काम चालू कर दिया गया, जिसे खदान में आश्रित ग्राम जोबगा के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन सहित एसीसीएल प्रबंधक को धरना प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा और अवगत कराया गया कि जब कोयला उत्पादन का कार्य शुरू होगा, उसी समय ग्रामीणों को मूल भुत सुविधाओं का लाभ व मुआवजा देने की प्रक्रिया एसईसीएल करेगी, नहीं तो ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
पिछले सप्ताह से केतकी खदान से कोयला का उत्पादन का काम चालू कर दिया है और ग्रामीणों को नौकरी मुआवजा देने की बात की थी, लेकिन किसी को अभी तक कुछ नही मिला। गांव वाले को पानी पिने का भी दिक्कत हो रहा है। पूरा गांव पानी की समस्या से जूझ रहा है और एसईसीएल कोयला उत्पादन का कार्य किसी निजी कंपनी को ठेका देकर उत्पादन कर आ रही है, जिसमें ग्रामीणों ने एकसाथ होकर बड़ी संख्या में खदान पहुंचकर मेन गेट पर ताला जड़ दिया।
गांव वालों का कहना है कि एसईसीएल जब तक कोई ठोस पहल नहीं करेगी, तब तक खदान बंद रहेगी। आंदोलनकारियों को सूरजपुर एसडीएम तहसीलदार और कुछ एसईसीएल के अधिकारी द्वारा मनाने पर भी नही सुनी गयी। गांव वालों का कहना कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक ताला नहीं खोलेंगे। पिछले 20 साल से यही सुनते आ रहे है। ग्राम पंचायत जोबगा के सरपंच पति संत सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की तमाम मांगों को लेकर जब तक उचित आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगा। अब देखने वाला बात ये है की ग्रामीणों का मांग कब तब तक पूरा होगा और एसईसीएल केतकी का ताला कब खुलेगा।