देशदेश-विदेशमध्यप्रदेशराजनीति

उच्च शिक्षा में उपयोगी नवाचार जारी रहें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति : 2020 टॉस्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, टास्क फोर्स सदस्य श्री अतुल कोठारी और म.प्र. हिंदी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष श्री अशोक कड़ेल, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, आयुक्त एवं सचिव उच्च शिक्षा श्री निशांत वरवड़े और समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति : 2020 के प्रमुख बिंदु बहुविषयक दृष्टिकोण में जहां कला संकाय के 18 हजार विद्यार्थियों ने वाणिज्य और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की, वहीं वाणिज्य संकाय के एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने कला और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की। मध्यप्रदेश में विज्ञान संकाय के ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 11 हजार है, जिन्होंने कला और वाणिज्य विषय का चयन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनेक बिन्दुओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। उच्च शिक्षा व्यवस्था में स्नातक स्तर पर कृषि जैसे विषय के अध्ययन के प्रावधान के भी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। सात विश्वविद्यालयों और 18 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में बी.एससी कृषि पाठ्यक्रम का संचालन और एविएशन के सर्टिफिकेट कोर्स संचालक का 5 विश्वविद्यालयों में क्रियान्वयन हुआ है।

एक छत्र के नीचे आएं समस्त विश्वविद्यालय

बैठक में प्राप्त सुझावों के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह महत्वपूर्ण सुझाव है कि समस्त विश्वविद्यालय एक छत्र के नीचे आएं। यह व्यवहारिक दृष्टि से आवश्यक है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में पदों की पूर्ति और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए अंतत: उच्च शिक्षा विभाग का सहयोग ही अपेक्षित होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस संबंध में परीक्षण और विचारोपरांत आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।

नर्सिंग पाठ्यक्रम भी चलाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पैरामेडिकल स्टॉफ की जरूरत के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाने का सुझाव भी विचार योग्य है। यह विद्यार्थियों, चिकित्सकों और आमजन के हित में है। बैठक में समिति और टॉस्क फोर्स के सदस्यों ने बताया कि मध्यप्रदेश में भारतीय विद्या (इंडोलॉजी) विभाग के साथ ही महापुरूषों की जीवनियों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की पहल सराही गई है।

प्रदेश में 19 लाख से अधिक विद्यार्थियों का डिजी लॉकर में पंजीयन

प्रदेश में 19 लाख 14 हजार 177 विद्यार्थियों ने डिजी लॉकर में पंजीयन करवाया है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 6338 विद्यार्थियों ने 28 महाविद्यालयों में विभिन्न 90 प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम पूर्ण किए हैं। प्रदेश में 35 महाविद्यालयों ने कॅरियर मेले लगाए, जिनमें 15 हजार 757 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया। विभिन्न कम्पनियों ने 2276 विद्यार्थियों का प्रथम चरण में चयन भी किया है। प्रदेश में डिजिटल रिपोजीटरी की स्थापना की गई है। ई-शिक्षा इंट्रीगेटड पोर्टल का निर्माण भी किया गया है। शिक्षकों ने 1600 से अधिक ई-कंटेंट का निर्माण कर ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करने का कार्य किया है। फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम से 4 हजार प्राध्यापकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है।

भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति और टास्क फोर्स के सदस्यों की भागीदारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति के उपाध्यक्ष डॉ. अतुल कोठारी नई दिल्ली, समिति के सदस्य मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक श्री अशोक कड़ेल के अलावा उच्च शिक्षा टास्क फोर्स समिति के सदस्यों ने भागीदारी की। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में गठित टास्क फोर्स समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति : 2020 के क्रियान्वयन से संबंधित महत्वपूर्ण कार्रवाई का संपादन किया है। सदस्यों द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए हैं। विद्यार्थियों को उनकी रूचि, क्षमता, दक्षता और संसाधनों के अनुसार उच्च शिक्षा व्यवस्था से संबंधित कार्यवाहियां प्रदेश में सम्पन्न हुई हैं। बैठक में डॉ. आर.सी. कान्हेरे अध्यक्ष मध्यप्रदेश शुल्क विनियामक आयोग और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरूओं एवं शिक्षाविदों ने भागीदारी की।

प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हो रही है निरंतर कार्यशालाएं

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 26 विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में गत तीन माह में भारतीय ज्ञान परम्परा विषयक विभिन्न कार्यशालाएं हुई हैं। स्नातक स्तर के 18 विषयों सहित कुल 26 विषयों पर कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। कार्यशालाओं में मंत्री, सांसद, विधायक आदि शामिल हुए। केंद्रीय अध्ययन मंडल के अध्यक्ष, सदस्य, ई-कंटेट क्रियेटर शिक्षक, लेखन और शिक्षाविद इनमें शामिल हैं। प्रदेश के 10 संभागों में गत 2 माह में 24 विषयों पर एक दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय, छिन्दवाड़ा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। समस्त विश्वविद्यालयों के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षण 5 नवम्बर से 24 दिसम्बर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें विज्ञान समूह, में वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, बी.एच.एससी./बी.एस.सी., गणित विषय सम्मिलित हैं। सामाजिक विज्ञान समूह में समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल है। साहित्य एवं मनोविज्ञान समूह में अंग्रेजी साहित्य, हिन्दी साहित्य, संगीत, संस्कृत साहित्य, मनोविज्ञान, दर्शन शामिल किए गए हैं। वाणिज्य समूह में अर्थशास्त्र, वाणिज्य समूह शामिल किए गए हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा के परिप्रेक्ष्य में विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान/परिसंवाद, “शिक्षण अधिगम को रूचिकर बनाने” विषय पर कार्यशालाओं में चर्चा हुई। यह क्रम निरंतर जारी है। समस्त विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में “भारतीय ज्ञान परम्परा विविध संदर्भ” को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों आयोजित की जा रही हैं। इन गतिविधियों में भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, भारतीय सांस्कृतिक लोक नृत्य, भारतीय सांस्कृतिक लोकगीत, भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना

इन्क्यूबेशन सेन्टर की कुल संख्या 47 है। इनमें शासकीय विश्वविद्यालय में 16, निजी विश्वविद्यालय में 12 एवं शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में 19 इन्क्यूबेशन केंद्र हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार से 5 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर इन्क्यूबेशन सेंटर को अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग द्वारा अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर के लिए 2.5 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर को 13.4 लाख रूपए प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 02 निजी विश्वविद्यालयों में भी अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इनमें रवीन्द्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल और लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (एलएनसीटी) भोपाल शामिल हैं।

स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य विश्वविद्यालय स्तर पर 65 स्टार्ट-अप्स तथा 02 निजी विश्वविद्यालयों में कुल 295 स्टार्ट-अप्स प्रारंभ हुए हैं। स्टार्ट-अप्स को विश्वविद्यालयों ने प्रोत्साहन राशि भी दी है। कुल 12.75 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा कु. रूपाली दत्ता को नवाचार के लिए 50 हजार रूपए का प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। वर्तमान में कुल लाभान्वित विद्यार्थी संख्या 620 है। पेटेंट के अंतर्गत पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार से विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स को कुल 14 पेटेंट प्राप्त हुए हैं। इनमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 06, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में 04, विक्रम विश्वविद्यालय में 03 और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 01 पेटेंट शामिल हैं। समस्त विश्वविद्यालयों के कुल 27 पेटेंट के आवेदन प्रक्रिया में हैं।

वर्चुअल कक्षाएं

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में स्मार्ट एवं वर्चुअल क्लास रूम की स्थापना के कार्य निरंतर हो रहे हैं। इस क्रम में 247 महाविद्यालयों में 1047 स्मार्ट क्लास संचालित हैं। इसके अलावा 400 महाविद्यालयों में 400 वर्चुअल क्लास संचालित हो रही हैं। शेष 325 महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम एवं 172 महाविद्यालयों में वर्चुअल क्लास रूम प्रदाय करने के लिए विश्व बैंक परियोजना में महाविद्यालयों को सम्मिलित किये जाने के लिए साधिकार समिति स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।

शोध केन्द्रों की स्थापना

प्रदेश में 214 शोध केंद्र स्थापित कर 210 विषय शामिल किए गए हैं। इनमें बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में 69, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 18, पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल में 01, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में 57, राजाशंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा में 07, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में 10, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में 28, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर में 12 और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में 12 शोध केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

itehelka

Tehelka Ind, the leading news channel in India, is dedicated to delivering the latest and most accurate news to its viewers. With a team of experienced journalists and reporters, Tehelka Ind covers all aspects of news, from politics and business to entertainment and sports. Our commitment to impartiality and accuracy has made us a trusted source of news for millions of viewers across the country.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button