कांकेर @ धनंजय चंद। जिले के भानुप्रतापपुर विकासखण्ड अंतर्गत हर्राठेमा गांव में ईसाई धर्मावलंबी मनाने वाले आदिवासी ग्रामीण का शव दफनाने ग्रामीणों द्वारा नहीं दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है. ग्रामीण धर्मपरिवर्तन कर ईसाई बन जाने से नाराज है. जिसके चलते गांव में अंतिम संस्कार करने से ग्रामीण मना कर रहे है.
मृतक मरहाराम कड़ियां के पुत्र राजेंद्र कड़ियाम ने बताया कि मेरे पापा की तबियत खराब रहने के कारण जिला अस्पताल कांकेर में भर्ती कराया गया था, जिसकी मृत्यु 2 जून को जिला में हो गया। जब मैं अपने गांव अपने जमीन में शव दफनाने लाया तो गांव वालों ने रोक दिया। कोरर थाना में शिकायत दर्ज कराने पंहुचे परिजनों को कोरर पुलिस ने कहा कि दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने को कहा. पास्टर जोगेंद्र बघेल ने कहा विरोध के कारण भानुप्रतापपुर में शव का अंतिम संस्कार कराया गया. लगातार इस तरह परेशान करने से ईसाई समाज में आक्रोश है.
कोरर टीआई ने चाणक्य नाग ने बताया कि गाँव मे विवाद की स्थिति निर्मित हो गया था. किसी तरीके से आशान्ति न फैले उसे देखकर भानुप्रतापपुर में शव दफनाने का परिजनों को आग्रह किया था.परिजनों ने भानुप्रतापपुर में शव को दफना दिया है. पूरे मामले में गांव परिवार वालो के साथ आपसी सामंजस्यता बैठक की जा रही है.