संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों पर जताई चिंता

न्यूयॉर्क। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। अब संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हम नस्लीय आधार पर होने वाले हमलों, हिंसा को बढ़ावा देने के खिलाफ हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने ये बात कही।

संंयुक्त राष्ट्र ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की

एंटोनियो गुटेरेस के उप-प्रवक्ता फरहान हक से गुरुवार को बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों पर सवाल किया गया था। इसके जवाब में फरहान हक ने कहा कि हमने पहले भी स्पष्ट किया है और हम एक बार फिर यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में जो हिंसा हो रही है, उसे खत्म किया जाए। हम किसी भी नस्लीय आधार पर होने वाले हमलों या नस्लीय आधार पर होने वाली हिंसा को बढ़ावा देने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित रूप से बांग्लादेश की सरकार और लोगों को हर उस तरह से समर्थन देने के लिए तैयार हैं, जो वे आवश्यक समझें।’

बांग्लादेश में निशाने पर अल्पसंख्यक

बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा नहीं रुक रही है। पहले आंदोलनकारी सरकार और आवामी लीग को निशाना बना रहे थे, अब बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक दंगाइयों के निशाने पर हैं। बांग्लादेश में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई है। सोमवार को शेख हसीना की पार्टी से जुड़े आवामी लीग के दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। सोमवार को ही लोकप्रिय संगीत बैंड जोलर गान के मुख्य सदस्य राहुल आनंद के घर पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई। हिंसा के चलते राहुल आनंद और उनके परिजनों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा, जिससे उनकी जान बच पाई।

हिंसा में अब तक 500 से ज्यादा की मौत

शेख हसीना के बीती 5 अगस्त को इस्तीफे और देश छोड़कर जाने के बाद भड़की हिंसा में कम से कम 232 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद जुलाई में शुरू हुई आरक्षण विरोधी हिंसा में अब तक मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 560 हो गया है। गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख सलाहकार नियुक्त

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