दो झोलाछाप डॉक्टरों ने 10 साल के मासूम को 6 घंटे में चढ़ा दी 7 बॉटल ग्लूकोज, ओवरडोज से मौत, मौन व्रत में जिला प्रशासन

रिपोर्टर : सुभाष मिश्रा

रीवा। रीवा जिले के त्यौंथर तहसील में क्लिनिक चला रहे दो झोलाछाप डॉक्टरों ने एक 10 वर्षीय मासूम की जान ले ली। आरोप हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों ने 10 वर्षीय मासूम को इलाज के नाम पर एक के बाद एक 7 ग्लूकोज की बॉटलें लगा दीं, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और फिर मासूम ने दम तोड़ दिया. मासूम की हालत बिगड़ने पर तत्काल उसे प्रयागराज के लिए रेफर किया गया, लेकिन हालत गम्भीर होने के चलते उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बेटे की मौत के बाद परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टरों ने एक के एक के बाद एक लगातार ग्लूकोज के 7 बॉटल का डोज दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं घटना के बाद से ही दोनों डॉक्टर क्लिनिक बंद करके फरार हैं।

मध्य प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टर लगातार अपना जाल बिछाते नजर आ रहे हैं. और इन्हीं झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर कई दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे. सरकार के द्वारा भले ही कड़े निर्देश जारी किए गए हो लेकिन अब भी यह झोले छाप डॉक्टर बेखौफ होकर लोगों का इलाज फर्जी तरीके से कर रहे हैं. और आज इन्हीं के फर्जी इलाज करने के चलते एक मासूम 2 झोला छाप डॉक्टर की इन फर्जी दवाइयां का शिकार हुआ और उसकी मौत हो गई है।

फिनहाल इस पूरे मामले को लेकर कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मीडिया के कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आ रहे है। अब देखना यह होगा कि दोनों झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कब और कैसी कार्रवाई की जाएगी।

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