दंतेवाड़ा। लोन वर्राटू अभियान के तहत दो माओवादियों ने दंतेवाड़ा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। दोनों नक्सली बंद के दौरान रोड खोदना, पेड़ काटने व बैनर पोस्टर लगाने की घटनाओं में शामिल थे। आत्मसमर्पित माओवादियों ने हिंसा की राह छोड़कर लोकतंत्र और सविंधान में विश्वास जताया है।
दरअसल, जिला दन्तेवाड़ा में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान तथा छग शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत विगत कुछ माह में जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम किया जा रहा है। साथ ही प्रशासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गाॅव-गाॅव तक किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप यह बदलाव माओवादी कैडर में दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर रहे है।
इसी तरह भैरमगढ़ एरिया कमेटी में प्रतिबंधित संगठन के 2 माओवादी बेचापाल पंचायत डीएकेएमएस सदस्य मोतीराम कुंजाम पिता स्व बोदा कुंजाम उम्र 25 वर्ष जाति मुरिया निवासी बेचापाल स्कूलपारा एवं बेचापाल पंचायत सीएनएम सदस्य राजेश ओयाम 16 वर्ष जाति मुरिया निवासी बेचापाल देवापारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर को 13 मई को आईजी कमलोचन कश्यप, डीआईजी सीआरपीएफ दन्तेवाड़ा रेंज विकास कठेरिया, एसपी दन्तेवाड़ा गौरव राय, कमाण्डेंट 231वीं वाहिनी सीआरपीएफ सुरेन्द्र सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी 231वीं वाहिनी सीआरपीएफ मुनीष कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला (भापुसे0) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा रामकुमार बर्मन के समक्ष डीआरजी कार्यालय दन्तेवाड़ा में आत्मसमर्पण किये।
एसपी दन्तेवाड़ा द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुनर्वास योजना के तहत् 25-25 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि एवं पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ प्रदाय कराया जायेगा।
बता दें, लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 180 ईनामी सहित कुल 801 माओवादी आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके है।