रायपुर में पहली बार हुई त्रिलोक तीर्थ वंदना

रायपुर। श्री संभवनाथ जैन मंदिर विवेकानंद नगर के आत्मोल्लास चातुर्मास 2024 में जारी पंचाह्निका महोत्सव के चौथे दिन जिनभक्ति : त्रिलोक तीर्थ वंदना की गई।  इस पावन मौके पर मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा. ने प्रवचन मंडप में तैयार की गई तीर्थ एवं सभी आकृतियों की महत्ता को बताया। महिला मंडल द्वारा प्रवचन मंडप में करीब 8 घण्टे की मेहनत से तैयार की गई भव्यतम आकृतियां आकर्षण का केंद्र रही।

चातुर्मास समिति के सचिव महेंद्र सराफ एवं उपाध्यक्ष मांगीलाल बरड़िया ने बताया कि पांच दिवसीय पंचाह्निका महोत्सव मुनिश्री जयपाल विजयजी म.सा., मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी म. सा,मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म. सा,साध्वी रत्ननिधिश्रीजी म.सा, साध्वी रिद्धिनिधि श्रीजी म.सा आदि ठाणा के शुभ सानिध्य में 8 नवम्बर से जारी है। महोत्सव के चौथे दिन रायपुर में प्रथम बार त्रिलोक तीर्थ वंदना का भव्य आयोजन किया गया। 14 राज लोक के त्रिलोक अर्थात उर्ध्वलोक , अधोलोक और  पाताल लोक की वंदना की गई। उर्ध्वलोक में 12 देवलोक,9 गैवेयक  एवं 5 अनुत्तर रहे हुए प्रत्येक जिनालय एवं भगवान की प्रतिमाओं की वंदना की गई। इसी तरह अधोलोक ( पाताल लोक) के देवों भवनपति एवं व्यंतर देव को वंदन किया गया। इसी तरह पृथ्वी लोक में जम्बूदीप में रहे हुए सभी जिनालय एवं प्रतिमाओं का वंदन किया गया। फल, नैवेद्य एवं रजत मुद्रा अर्पण की गई।

इस अवसर पर महिला मंडल द्वारा 14 राज लोक, अढ़ाई दीप, मेरु पर्वत, नंदीश्वर दीप, रूचक कुंडलदीप की भव्यतम आकृति अनाज एवं अन्य सामग्रियों से सुंदर मनमोहक बनाई गई। महिला मंडल द्वारा भव्य अति भव्य मनमोहक इन आकृतियों को बनाने में करीब 7 से 8 घंटे का समय लगा। प्रवचन पंडाल में बनाए गए भव्य स्टेज में यह आकृतियां आकर्षण का केंद्र रही।

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