आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 14 दिसम्बर 2024
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमन्त
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्दशी शाम 04:58 तक, तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र – रोहिणी प्रातः 03:54 दिसम्बर 15 तक, तत्पश्चात मृगशिरा
योग – सिद्ध प्रातः 08:27 तक, तत्पश्चात साध्य प्रातः 05:07 दिसम्बर 15 तक, तत्पश्चात शुभ
राहु काल – प्रातः 09:53 से प्रातः 11:14 तक
सूर्योदय – 07:16
सूर्यास्त – 05:52
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:26 से 06:19 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:08 दिसम्बर 15 से रात्रि 01:01 दिसम्बर 15 तक
व्रत पर्व विवरण – श्री दत्तात्रेय जयन्ती, रोहिणी व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग (प्रातः 07:12 से प्रातः 03:54 दिसम्बर 15 तक)
विशेष – चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
खजूर खाओ, सेहत बनाओ !
खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है । यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है । हृदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है । वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है । यह मल व मूत्र को साफ लाता है । खजूर में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । ‘अमेरिकन कैंसर सोसायटी’ के अनुसार शरीर को एक दिन में 20-35 ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरूरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है ।
खजूर रातभर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है । कमजोर हृदयवालों के लिए यह विशेष उपयोगी है । खजूर यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है । रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है । नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है । खजूर का सेवन बालों को लम्बे, घने और मुलायम बनाता है ।
सावधानी : आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है । ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते हैं । अतः उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धो लें । धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है ।
मात्रा : 5 से 7 खजूर अच्छी तरह धोकर रात को भिगो के सुबह खायें । बच्चों के लिए 2-4 खजूर पर्याप्त है । दूध या घी में मिलाकर खाना विशेष लाभदायी है ।
बुद्धि बढ़ाने के ढेर सारे उपाय
१] दिव्य प्रेरणा-प्रकाश पुस्तक में (पृष्ठ २ पर ) एक मंत्र लिखा है , उसको पढ़कर दूध में देखोगे और वह दूध पियोगे तो बुद्धि बढ़ेगी, बल बढ़ेगा ।
२] मंत्रजप और अनुष्ठान से बुद्धि विकसित होती है ।
३] भगवच्चिंतन करके ॐकार का गुंजन करके शांत होओगे तो बुद्धि बढ़ेगी ।
४] श्वासोच्छवास में भगवान् सूर्यनारायण का ध्यान करने से भी फायदा होगा ।
५] श्रद्धा, भक्ति और गुरुजनों के सत्संग से भी बुद्धि उन्नत होती है ।
७] भगवद-ध्यान से तो बुद्धि को बढना ही है ।
८] स्मृतिशक्ति बढ़ानी है तो कानों में अँगूठे के पासवाली पहली उँगलियाँ डालकर लम्बा श्वास लो फिर होंठ बंद रख के कंठ से ‘ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ….’ ऐसा उच्चारण करो । इस प्रकार १० बार करो । इस भ्रामरी प्राणायाम से स्मृति बढ़ेगी, बुद्धू विद्यार्थी भी अच्छे अंक लायेंगे ।