हिन्दू पंचांग
दिनांक – 09 नवम्बर 2024
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमन्त
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी रात्रि 10:45 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – श्रवण प्रातः 11:47 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
योग – वृद्धि प्रातः 04:23 नवम्बर 10 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहु काल – प्रातः 09:36 से प्रातः 11:00 तक
सूर्योदय – 06:53
सूर्यास्त – 05:53
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:07 से 05:58 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 09 से रात्रि 12:49 नवम्बर 10 तक
व्रत पर्व विवरण – गोपाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:49 से प्रातः 11:47 तक)
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है | इस दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
अशुभ क्या है एवं शुभ क्या है ?
बिल्ली की धूलि शुभ प्रारब्ध का हरण करती है । (नारद पुराण, पूर्व भाग : 26.32)
कुत्ता रखने वालों के लिए स्वर्गलोक में स्थान नहीं है । उनका पुण्य क्रोधवश नामक राक्षस हर लेते हैं । (महाभारत, महाप्रयाण पर्व : 3.10)
‘महाभारत’ में यह भी आया है कि ‘घर में टूटा-फूटा बर्तन, सामान (फर्नीचर), मुर्गा, कुत्ता, बिल्ली होना अच्छा नहीं है । ये शुभ गुणों को हरते हैं ।’
दूसरे का अन्न, दूसरे का वस्त्र, दूसरे का धन, दूसरे की शय्या, दूसरे की गाड़ी, दूसरे की स्त्री का सेवन और दूसरे के घर में वास – ये इन्द्र के भी ऐश्वर्य को नष्ट कर देते हैं । (शंखलिखित स्मृति : 17)
जिस तरह शरीर में जीवन न हो तो वह मुर्दा शरीर अशुभ माना जाता है । इसी तरह खाली कलश भी अशुभ है । दूध, घी, पानी अथवा अनाज से भरा हुआ कलश कल्याणकारी माना जाता है । भरा हुआ घड़ा मांगलिकता का प्रतीक है ।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की पश्चिम दिशा में पीपल का वृक्ष होना शुभ है । इसके विपरीत पूर्व दिशा में होना विशेष अशुभ है ।
आँवला, बिल्व, नारियल, तुलसी और चमेली सभी दिशाओं में शुभ हैं । कुछ अन्य वृक्षों के लिए शुभ दिशाओं की सूचिः
जामुन – दक्षिण, पूर्व, उत्तर
अनार – आग्नेय, नैर्ऋत्य कोण
केला – तुलसी के साथ सभी दिशाओं में
चंदन – पश्चिम, दक्षिण (पूर्व विशेष अशुभ)
बड़ – पूर्व (पश्चिम विशेष अशुभ)
कनेर – पूर्व, उत्तर (पश्चिम विशेष अशुभ)
नीम – वायव्य कोण (आग्नेय विशेष अशुभ)
घर में बाँस, बेर, पपीता, पलाश और बबूल के वृक्ष सभी दिशाओं में अशुभ माने जाते हैं । आम पूर्व में, सीताफल व गुलाब ईशान कोण में विशेष अशुभ हैं ।
अशुभ वस्तुएँ जैसे कि मांस, दुर्घटना का दृश्य, मृतक जीव-जन्तु दिखायी देने पर उसी समय सूर्यनारायण के दर्शन कर लेने चाहिए ।