छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज की तारीख याद रखी जाएगी : विजय शर्मा
रायपुर। नक्सलवाद के मोर्चे पर सरकार के आक्रामक रूख का सबसे बड़ा नतीजा सामने आया है। मंगलवार को कांकेर के छोटे बेटिया के जंगलों में आमने सामने हुई बड़ी लड़ाई में सुरक्षा बलों के जवानों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें से कुछ हार्डकोर नक्सली भी शामिल हैं। नक्सल मोर्चे पर पहली बार ऐसा हुआ है कि आमने सामने की लड़ाई में फोर्स नक्सलियों पर पूरी तरह से हावी दिखे और उन्हें संभलने का अवसर ही नहीं दिया। मुठभेड़ में 3 जवान भी घायल हुए हैं जिन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट किया गया है।
इस घटना पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज की तारीख याद रखी जाएगी, जब हमारे सुरक्षा बल के जवानों ने कांकेर जिले के हापाटोला के जंगल में नक्सलियों की मांद में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए जबरदस्त मुठभेड़ में करीब 29 नक्सलियों को मार गिराया। इसमें 25 लाख के इनामी नक्सली कमांडर शंकर राव के भी मारे जाने की खबर है। इसका पूरा श्रेय सुरक्षाबलों को जाता है, सभी को बधाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह संभव हुआ है।
गृहमंत्री शर्मा मंगलवार रात घायल जवानों से मिलने अस्पताल भी पहुंचे। यहां उन्होंने जवानों के हौसले को सलाम किया और इस सफल ऑपरेशन की बधाई देते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की।
उल्लेखनीय है कि राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद नक्सल मोर्चे पर सरकार बिल्कुल एग्रेसिव हो गई है। विजय शर्मा के हाथों गृह मंत्रालय की कमान मिलने के बाद इस संबंध में रणनीतिक बैठकें हुईं। गृह मंत्री अमित शाह भी दिल्ली से पहुंचे और सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से यह है। यह इलाका जहां आपरेशन हुआ, वो माड़ का इलाका है जो नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
इनपुट के आधार पर डीआरजी, सीआरपीएफ, सीएफ की संयुक्त टीम निकली और एक बजे के आसपास नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में अनेक हार्डकोर नक्सलियों के मरने की खबर आ रही है। इनमें से एक डिविजनल कमेटी का सदस्य भी बताया जा रहा है। इस आपरेशन के बाद जवानों का हौसला बहुत बढ़ गया है। बीते कई हफ्तों से जिस तरह से आक्रामक स्ट्राइक हो रही है नक्सलियों का हौसला गिर गया है। चार महीनों में पुलिस जवानों ने 50 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया था और आज के आपरेशन के बाद इसकी संख्या 80 तक पहुंच गई है।
प्रदेश में डबल इंजन की सरकार आने के बाद से नक्सल मोर्चे पर काफी सकारात्मक चीजें दिख रही हैं। विशेषकर मुख्यमंत्री साय और गृह मंत्री शर्मा को इस बात का श्रेय दिया जा सकता है कि उन्होंने यह समझा कि नक्सलवाद एक ऐसा कैंसर है जिसे जब तक जड़ से न मिटाया जाए, यह उभरता ही है। इसलिए मांद में जाकर कैंप खोले गये और जवानों का हौसला बढ़ाया गया। आज इसके नतीजे जो आये हैं वो बस्तर की शांति और अमन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
गृह मंत्री शर्मा ने पुनः इस बात को दोहराया कि हम लोग बस्तर में अमन के लिए प्रतिबद्ध हैं। बस्तर के लोगों को साफ पानी मिले, बिजली मिले, विकास का लाभ पहुंचे। हम संवाद करना चाहते हैं। वे चाहे समूह में करें, प्रतिनिधियों के माध्यम से करें। बस्तर को अमन चाहिए। इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं।