रायपुर । प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पूर्व रमन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल के भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 1 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। हर विभाग, हर योजना में वित्तीय गड़बड़ियां किया गया। 20 लाख फर्जी राशन कार्ड और चावल की बोरी में वजन कम करके किया गया 36 हजार करोड़ का नान घोटाला सबसे बड़ा घोटाला है। 4400 करोड़ का शराब घोटाला, 1677 करोड़ का गौशाला अनुदान घोटाला, 5 हजार करोड़ का मोबाईल घोटाला, 6400 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला, सरस्वती सायकल योजना, स्कूल ड्रेस खरीदी घोटाला, दवा खरीदी घोटाला, परिवहन घोटाला, अगुस्ता हेलीकाफ्टर खरीदी घोटाला, डीकेएस अस्पताल घोटाला, पनामा पेपर्स घोटाला, चरणपादुका खरीदी घोटाला, तेंदूपत्ता बोनस एवं बीमा घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, अमृत नमक योजना में घोटाला, चना, गुड़ वितरण में घोटाला, रसायनिक खादों में घोटाला, कृषि यंत्रों के खरीदी में घोटाला, बारदाना खरीदी घोटाला, धान परिवहन घोटाला, 170 करोड़ रुपए का मच्छरदानी खरीदी घोटाला, स्काईवॉक, एक्सप्रेस-वे, पुल-पुलिया, सड़क निर्माण में घोटाला, पशु चारा घोटाला, मुर्गी दाना घोटाला, मछली पालन घोटाला, परिवहन विभाग में घोटाला, आबकारी विभाग में घोटाला, चिकित्सक की उपकरण खरीदी घोटाला, वन विभाग में घोटाला, दिव्यांग जनों के नाम से 1000 करोड़ का घोटाला, आदिवासी बच्चों को हॉस्टल में बर्तन देने के नाम से घोटाला सहित अनेक घोटाले हैं जो 15 साल के रमन सरकार के घोटालों के इतिहास के साक्षी हैं और इन्हीं घोटालों के कारण डॉ रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की जनता भ्रष्टाचार के अंतर्राष्ट्रीय पितामह कहती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के चलते ही भाजपा के रायगढ़ कार्यसमिति की बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को कहना पड़ा था कि 1 साल के लिए कमीशनखोरी बंद कर दिया जाए तो 30 सालों तक छत्तीसगढ़ को लूटा जा सकता है। रमन सरकार बनने के बाद उनके सहयोगी जो मंत्री थे जिनके पास मोटरसाइकिल में पेट्रोल डालने का पैसा नहीं होता था, 15 साल में बड़े-बड़े मॉल, रेस्टोरेंट, जमीन और लग्जरी कारों में घूमने लगे हैं। कई हजार एकड़ सरकारी जमीनों पर भाजपा नेताओं ने कब्जा कर लिया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार के दौरान घोटाले हुए हैं उनका प्रमाण 2008 एवं 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों के द्वारा निर्वाचन कार्यालय को दी गई शपथ पत्र है। 2008 में जो भाजपा नेताओं के खुद के पास पांच से दस लाख रुपया होने का शपथ पत्र दिए थे वही भाजपा नेताओं ने 2018 में 10 करोड़ से 20 करोड़ तक की सम्पत्ति होने का शपथ पत्र दिए है। डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, केदार कश्यप, महेश गागड़ा सहित कई भाजपा प्रत्याशियों का शपथ पत्र भ्रष्टाचार की गवाही दे रही है।