दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय से समूह की महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर
मुंगेली। विकासखण्ड पथरिया के ग्राम हथनीकला की जय माता महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं दुग्ध उत्पादन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर आत्मनिर्भर हो रही है। डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह के पांच महिलाओं को 05 इकाई डेयरी ऋण बैंक द्वारा स्वीकृत किया गया। पशुधन विकास विभाग मुंगेली द्वारा योजनांतर्गत 70 हजार रूपये प्रति इकाई दर से 03 लाख 50 हजार रूपये की अनुदान राशि प्रदाय किया गया। जिसके बाद समूह की महिलाओं द्वारा ग्राम हथनीकला के गौठान में सामुदायिक डेयरी का कार्य शुरू कर दुग्ध विक्रय किया जा रहा है। समूह की महिलाओं ने बताया कि पहले खेती किसानी व मजदूरी निर्भर रहती थी। अब वह दुग्ध उत्पादन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बन रही है।
राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत स्व सहायता समूह को 10 उन्नत नस्ल के दुधारू गाय से लगभग 80 लीटर दुध प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है। उक्त दूध को दुग्ध सेवा सहकारी समिति गीधा एवं स्थानीय बाजार में 33 रूपये प्रति लीटर के दर से विक्रय किया जा रहा है। जिससे प्रति माह लगभग 75 हजार रूपये का दुध विक्रय समूह द्वारा किया जा रहा है। दाना चारा एवं बैंक ऋण किस्त वापसी उपरांत समूह को प्रति माह 42 हजार रूपये से अधिक का आमदनी हो रही हैं। साथ ही पशुधन विकास विभाग द्वारा उपचार, टीकाकरण, डिवर्मिंग, मिनरल मिक्चर प्रदाय, कृत्रिम गर्भाधान एवं अन्य तकनीकी सहायता प्रदाय की जाती हैं। ग्रामीण परिवेश में महिलाओं को केवल घर गृहस्थी के रोजमर्रा कार्यो के लिये मात्र जाना जाता था। वर्तमान में समूह के माध्यम से गौठान में डेयरी पालन से दुग्ध उत्पादन व विक्रय कर आर्थिक उन्नति कर रही हैं।