कांग्रेस की कुनीतियों ने एक और किसान की जान ले ली : अरुण साव

मृतक के परिवार को तत्काल 50 लाख का मुआवजा दे कांग्रेस सरकार

आखिर कांग्रेस और कितने लोगों के लिए काल बनेगी:भाजपा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छुइहा के एक किसान कन्हैया सिन्हा द्वारा आत्महत्या करने के कारण एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार का घोर किसान विरोधी चरित्र बेनक़ाब हो गया है। श्री साव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव में की गई घोषणाओं को पूरा नहीं करने के कारण प्रदेश के किसान हलाकान हो चले हैं और हताश होकर आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं। छुइहा के किसान की आत्महत्या का मामला इसकी तस्दीक करता है। श्री साव ने मृतक किसान के परिवार को तत्काल 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि मृतक किसान की जेब से मिले सुसाइड नोट से किसानों की कर्जमाफी के सरकारी दावों की पोल खुल गई है। आत्महत्या से पूर्व मृत किसान ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने वादे के बावजूद उसका कर्ज माफ नहीं किया। मृत किसान का ऐक्सिस बैंक में ऋण खाता है। श्री साव ने कहा कि कन्हैया एक तो कर्ज न चुका पाने के कारण परेशान था, वहीं लो-वोल्टेज के चलते उसकी चार एकड़ की रबी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। भाजपा बिजली आपूर्ति की समस्या पर सतत प्रदेश सरकार को आगाह करती रही है। पिछले तीन-चार सालों से फसल नहीं होने, कर्जमाफी नहीं होने और साथ ही फसल बीमा नहीं होने के कारण कन्हैया चहुँओर परेशानी से घिरा हुआ था। अपने सुसाइड नोट में भी मृतक किसान ने दाने-दाने के लिए मोहताज होने और पाई-पाई के लिए परेशान होने की बात कही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि कन्हैया का कोई और विकल्प नहीं होने की बात कहकर आत्महत्या करना प्रदेश के लिए एक कलंकपूर्ण व दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रदेश की भूपेश सरकार जिस तरह किसानों के नाम पर लगातार झूठ बोलती आ रही है, उसके मुँह पर कन्हैया की आत्महत्या एक करारा तमाचा है। श्री साव ने कहा कि ऐसी किसान विरोधी झूठी सरकार को एक क्षण भी सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि प्रदेश सरकार मृतक किसान के शोक-संतप्त परिवार को तत्काल 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करे। श्री साव ने कटाक्ष किया कि अपने ‘खानदानी राजनीतिक आकाओं’ की चाटुकारिता करने के लिए उत्तर प्रदेश में जाकर 50-50 लाख रुपए का मुआवजा बाँटने वाले मुख्यमंत्री बघेल को छत्तीसगढ़ के किसानों की जरा भी फिक्र नहीं है। जब भी छत्तीसगढ़ के किसानों को राहत राशि देने का मौका आता है, मुख्यमंत्री बघेल किसानों की जिंदगी की कीमत पाँच-दस हजार रुपए आँकते हैं। मुख्यमंत्री अब अपने इस ढोंग से बाज आए।

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