सावन का पांचवां सोमवार, विश्व प्रसिद्ध भूतेश्वरनाथ में जलाभिषेक करने लगा भक्तों का तांता
गरियाबंद @ लोकेश्वर सिन्हा। सावन माह के आज पांचवा सोमवर को विश्व प्रसिद्ध स्वयम्भू शिवलिंग भगवान भूतेश्वरनाथ महादेव में जलाभिषेक करने कांवरियों एवं शिवभक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। शिवभक्ति के लिए सावन महीना को बहुत ही पवित्र माना गया है। जिसके चलते प्रतिवर्ष सावन के पवित्र माह में हजारों की संख्या में यहां शिवभक्त जलाभिषेक कर सुख, समृद्धि और अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करने के लिए पहुंचे।
आपको बता दे कि गरियाबंद जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर घने जंगलों में बसा ग्राम मरौदा स्थित है। सुरम्य वनों एवं पहाड़ियों से घिरे अंचल में प्रकृति प्रदत्त विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग विराजमान है। जिसका आकार हर साल बढ़ते ही जा रहा है। यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से निर्मित है। गरियाबंद जिले के नजदीक स्थित इस शिवलिंग को भूतेश्वरनाथ के नाम से पुकारा जाता है, जिसे भकुर्रा महादेव भी कहा जाता है। मान्यताओं के मुताबिक द्वादश ज्योतिर्लिंगों की भांति छत्तीसगढ़ में यह अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिवलिंग भूतेश्वरनाथ महादेव के नाम से विख्यात है। इस शिवलिंग को देखने हर प्रांत के लोग प्रतिदिन आते रहते हैं,
यह असाधारण शिवलिंग जो कि पूर्ण रूप से यथार्थ और प्रमाणित है। सन् 1957 ई. के तीर्थाङ्क विशेषांक कल्याण में इसे विश्व के बिशालतम् शिवलिंग दर्शाया गया है । जो कि और भी प्रमाणित करता है। गांव के बुजुर्ग व ग्रामीणों द्वारा ही इस जगह को चिन्हांकित किया गया तब से लेकर आज तक यहां हर सावन में मेला लगता हैं। और तब से इस भूतेश्वर महादेव के बारे में क्षेत्र के और सभी जगह इनको जाना गया।
सावन महीना में यहां हजारों की संख्या में कांवरिए व शिवभक्त अपनी मनोकामना लिए भूतेश्वरनाथ महादेव के दर्शन एवं जलाभिषेक करने पहूंचते हैं। हर साल भूतेश्वरनाथ मंदिर समिति द्वारा कांवरियों के विश्राम और भोजन की व्यवस्था करते हुए आ रही है। सावन के महीने में यहां कांवरियों और शिवभक्तों की भीड़ हजारों की संख्या में जुटती है, जिससे कि पूरा अंचल शिवमय हो जाता है। हर तरफ बोल बम और ओम नमः शिवाय के जयकारों से गुंजायमान रहता है।