छत्तीसगढ़

हत्या और गैर इरादतन हत्या के आरोप में आरोपियों को मिली सजा

गरियाबंद। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश गरियाबंद तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा हत्या करने के आशय से कार को तेजी से एवं लापरवाही पूर्वक चलाते हुए भीड़ में चलाकर दुर्घटना कारित करने के अपराध में आरोपी रोमित राठौर एवं सौरभ कुटारे को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 302 भा.दं.संहिता में आजीवन कारावास एवं 5000/- रुपये के अर्थदण्ड एवं धारा 307 भा.दं.संहिता के अपराध में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।

घटना 26-10-2020 को गरियबन्द जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम मालगांव में लोगों द्वारा नेशनल हाइवे मुख्य मार्ग से लगे हुए मंदिर के पास दशहरा पर्व मनाया जा रहा था, उसी समय रात्रि करीबन 10:45 बजे आरोपी रोमित राठौर अपने लाल रंग की ब्रेजा कार क्रमांक CG 23 J 6520 में अन्य साथी को साथ बैठाकर तेज गति से भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र मे वाहन चलाते हुए आया था, जिससे गांव वालो के द्वारा मना करने पर आरोपी रोमित राठौर व सौरभ कुटारे अपनी कार से उतरकर गांव वालों के साथ बहस करते हुए प्रार्थी एवं गांव वालों को “तुम लोगों को देख लूंगा, वापस आकर तुम सबको खत्म कर दूंगा” कहकर धमकी देकर वहां से आगे रायपुर रोड ढाबा की ओर चले गये।

इस घटना के कुछ समय पश्चात रायपुर रोड ढाबा की ओर से आरोपी रोमित राठौर अपने 4 अन्य साथियों के साथ वापस तेज गति से अपने उक्त वाहन को चलाते हुए लाकर जान बुझकर प्रार्थी तथा अन्य ग्रामीणों की हत्या करने के आशय से अपने विपरीत दिशा (रांग साईड) में रोड किनारे पाई में वाहन को ले जाकर लोगों के ऊपर कार चढ़ाकर उनको रौंदते हुए फरार हो गया था। जिससे मौके पर ही मालगांव निवासी मुनेश सिन्हा पिता सोहन सिन्हा नामक 04 वर्ष
के बालक की मृत्यु हो गई थी, जबकि ग्राम मालगांव के 12 लोगों को गंभीर चोटे आई थी। जिसे जिला अस्पताल गरियाबंद मे भर्ती कर मुलाहिजा किया था।

उक्त घटना की सूचना प्रार्थी लोकेश्वर ध्रुव ने आरोपीगण के विरुद्ध थाना सिटी कोतवाली गरियाबंद मे लिखित नामजद सूचना दिया गया था। थाना सिटी कोतवाली गरियाबंद द्वारा अपराध क्रमांक 222/2020 अन्तर्गत धारा 302, 307/34 भा.दं.संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया था। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना पश्चात आरोपीगण के विरुद्ध न्यायालय मे अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन के न्यायालय मे प्रकरण उपार्पण पर प्राप्त होने पर प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई, अभियोजन द्वारा उक्त प्रकरण मे कुल 29 गवाहों का कथन कराया गया।

पुलिस ने मामले में हत्या और गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर 6 लोगो को आरोपी बनाया था। मामले में साढ़े तीन साल तक सुनवाई हुई, जिसमें 6 में से 4 आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया है। प्रकरण में अभियुक्तगण के विरुद्ध अपराध प्रमाणित नहीं पाए जाने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है। तथा आरोपी रोमित राठौर एवं सौरभ कुटारे को गवाहों के कथनों के आधार पर दोष सिद्ध पाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा धारा 302 भा.दं.संहिता के अपराध में आजीवन कारावास एवं पांच–पांच हजार रुपए के अर्थदंड तथा धारा 307 भा.दं.संहिता के अपराध में 10–10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक आहत के लिए पांच–पांच सौ रुपए कुल 6000–6000 रुपए दोनों आरोपी को कुल अर्थदंड 11,000–11,000 रुपए से दंडित किया गया है। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू द्वारा पैरवी की गई है।

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