धान खरीदी के बंद होने के तीन माह बाद भी हासिल नहीं कर सके जीरो शार्टेज का लक्ष्य

रिपोर्टर : लोकेश्वर सिन्हा

गरियाबंद। गरियाबंद जिले में धान खरीदी बंद होने के 3 माह बाद भी धान का उठाव खत्म नही हुआ है, वजह खरीदी केंद्रो में धान की कमी और गुणवत्ता हीन धान की मौजूदगी हैं। जिले में अब भी 28 हजार क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है, लेकिन मौके पर इससे कम मात्रा में ही धान मौजूद है।

कलेक्टर के निर्देश के बावजुद सहकारिता विभाग, 90 में से 41 केंद्रो में धान की भरपाई नहीं कर पाई है। सहकारिता के इस लापरवाही से नाराज कलेक्टर ने पहले तो इन्हे मिलने वाले व्यय राशि पर रोक लगाने सचिव को पत्र लिखा, फिर नोडल को हटाने लेटर जारी किया और अब शोर्टेज की वसूली के लिए भी सहकारिता से पत्राचार शुरू कर दिया है।

मामले में जहा सहकारिता विभाग के उप पंजीयक ने दूसरे विभाग पर भी ठीकरा फोड़ने की कोशिश किया है तो वही मार्कफेड ने भी शेष धान उठाव नही होने के पीछे सहकारिता विभाग को जिम्मेदार ठहराया है।

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