सजा माफी वाली याचिकाओं में देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली। सजा माफी वाली याचिकाओं में देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सोमवार को एक दोषी की सजा में छूट की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील की ओर से समय मांगने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने जेल विभाग के प्रमुख सचिव को 19 अगस्त से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।

सोमवार को मामला सुनवाई के लिए आया तो राज्य सरकार के वकील ने फिर से समय मांगा तो अदालत ने कड़ी आपत्ति जताई। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हम सिस्टम सही करना चाहते हैं। चार महीने बीत चुके हैं। फिर से आप याचिका पर फैसला करने के लिए दो महीने और मांग रहे हैं। कुछ भी नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि जहां तक यूपी राज्य पर विचार किया जाता है, हमने देखा है कि आरोपी व्यक्तियों की माफी याचिका पर विचार करने के लिए जो आदेश पारित किए हैं किसी पर भी तय समय में विचार नहीं किया जा रहा है।

बता दें कि अप्रैल में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को छह सप्ताह का समय दिया था। 10 जुलाई को जब मामला सुनवाई के लिए आया तो शीर्ष अदालत को सरकार ने कहा कि राज्य सरकार मामले में कोई फैसला नहीं कर सकी है।

वैवाहिक बलात्कार की याचिकाओं पर सुनवाई अगले सप्ताह

वैवाहिक बलात्कार के मामलों में पतियों को अभियोजन से छूट प्रदान करने वाले दंडात्मक कानूनों के खिलाफ याचिकाओं पर सु्प्रीम कोर्ट अगले सप्ताह से सुनवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील करुणा नंदी की दलीलों पर ध्यान दिया कि वैवाहिक बलात्कार के मुद्दे पर याचिकाओं पर सुनवाई की जानी चाहिए। सीजेआई ने कहा कि याचिकाओं पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। पीठ इस सप्ताह कराधान कानूनों पर कई मामलों को निपटाने में व्यस्त रहेगी। पीठ के सामने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि इस मुद्दे से जुड़ी याचिकाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा कि याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।

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