रिपोर्टर : सुभाष मिश्रा
रीवा। रीवा जिले के त्योंथर नगर पंचायत में रहने वाली रागिनी मिश्रा ने हाल ही में जारी हुई MPPSC मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन सूची में टॉपर बनकर मध्यप्रदेश का नाम रौशन किया है. रागिनी मिश्रा ने प्रदेश में पहला स्थान हसिल करते हुए अपने माता पिता के साथ ही विंध्य और रीवा का मान बढ़ाया है।
MPPSC की परीक्षा में टॉप करके प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाली रागिनी मिश्रा रीवा जिले के त्योंथर के नगर पंचायत क्षेत्र स्थित वार्ड क्रमांक 1 की निवासी हैं। रीवा की बेटी रागिनी ने एमपीपीएससी वेटरनरी परिक्षा की चयन सूची में पहला स्थान प्राप्त करते हुए त्योंथर सहित रीवा और समूचे विंध्य का नाम रौशन कर दिया है। रागिनी की इस उपलब्धि पर उनके अभिभावक और शिक्षक सहित तमाम लोग प्रशंसा कर रहें है।
रागिनी मिश्रा को इस परीक्षा के जरिए वेटरनरी असिस्टेंट सर्जन का पद हासिल होगा. एमपीपीएससी की परीक्षा में प्रदेश में कुल 80 सीट थीं और इसमें रागिनी मिश्रा टॉप-1 की श्रेणी में हैं. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 10 सितंबर 2023 को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका रिजल्ट 21 नवंबर 2023 को घोषित किया गया था और 10 जून 2024 से इंटरव्यू शुरू हो गए थे. इसके बाद 13 जून 2024 को इसका समापन हुआ और अब फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया है।
रागिनी मिश्रा रीवा के त्योंथर नगर पंचायत की निवासी हैं, उनके पिता रामबिहारी मिश्रा पेशे से किसान हैं जबकि माता सुधा मिश्रा गवर्मेंट प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका के पद पर पदस्थ हैं। दो भाई प्राइवेट जॉब में है जबकि छोटी बहन कॉलेज में अध्यनरत हैं। रागिनि का विवाह उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जिले में हुआ था और उनके पति शक्ति कुमार द्विवेदी उत्तरप्रदेश सरकार में मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ हैं। MPPSC की परीक्षा में टॉप करने के बाद रागिनी को वेटरनरी असिस्टेंट का पद दिया जाएगा। रागिनी बताती हैं कि उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा त्योंथर स्थित अपने गांव के ही एक निजी सकूल से प्राप्त की थी जबकि ग्रेजुएशन उन्होंने कॉलेज ऑफ वेटरनरी कॉलेज जबलपुर से कंपलीट किया. उसके बाद पीएचडी उन्होंने वेटरनरी इंस्ट्यूट उत्तर प्रदेश के बरेली से की।
रागिनी का कहना है कि पशु विभाग चुनने की वजह यह थी कि बचपन से ही वह अपने घर पर गाय और अन्य पशुओं को देखती आ रही हैं, जिसके चलते उनका पशुओं के प्रति लगाव काफी बढ़ गया। तभी से उन्होंने पशुओं की सेवा करने का मन बना लिया. रागिनी ने पशुओं की सेवा के लिए रिसर्च की तब उन्हें लगा के वह पशु चिकित्सक आधिकारी या वेटरनरी असिस्टेंट सर्जन बनकर ही वह पशुओं की बेहतर सेवा कर सकती है क्योंकि यह बेजुबान पशु बोल नहीं सकते और इनकी परेशानी समझना एक बहुत बड़ा संघर्ष है और यहीं से रागिनी को इसकी प्रेरणा मिली।
रागिनी अपनी इस उपलब्धि का श्रेय पाने माता पिता के साथ ही पति को देती हैं. क्योंकि माता पिता ने शुरुआत से ही उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जबकि शादी के बाद अनके पति ने उनका काफी सहयोग किया। रागिनी का कहना है कि एमपीपीएसी की परीक्षा उनकी शादी के बाद आयोजित की गई और उसके बाद उनके पति ने उनका भरपूर सहयोग किया. रागिनी कहती हैं, ” वे हर पल और हर क्षण मेरे साथ खड़े रहे.” इसके आलावा रागिनी इस बड़ी उपलब्धि का श्रेय वह अपने माता पिता और पति के आलावा भाई, बहन और शिक्षकों को भी देती हैं।