रीवा के 3 मासूमों की कहानी : मां ने छोड़ा साथ, पिता करता था पिटाई, छोड़ दिया घर
रिपोर्टर : सुभाष मिश्रा
रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के खमहरिया गांव में शराबी पिता की बेरहमी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर रहने वाले एक बेरहम पिता से तंग आकर तीन मासूमों ने घर छोड़कर जाने का फैसला कर लिया. दरअसल, बच्चों की मां उन्हें पहले ही छोड़ चुकी थी. बच्चे पिता के पास रहते थे, जहां बाप रोज शराब के नशे में धुत होकर घर आता था और तीनों के साथ मारपीट करता था. आखिरकार पिता की पिटाई से परेशान होकर बच्चों ने घर छोड़ने का मन बना लिया।
जहां तीनों भाई बहनों ने बीते दिनों जन्मदिन पार्टी पर गिफ्ट में मिले पैसों को इकट्ठा किया, पिता को बताए बिना तीनों बच्चे अपने घर से निकल गए. लेकिन जब तीनों बच्चे रीवा पहुंचे तो वहां एक पत्रकार ने उनको देखकर जब पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आया. जिसके बाद तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. जिसके बाद पुलिस ने बच्चों को समझाकर उन्हें वन स्टॉप सेन्टर भेज दिया. बच्चों से मिली जानकारी के अनुसार उसके पिता शराब के नशे में आए दिन उनके साथ मारपीट करता था और गंदी-गंदी गालियां देता था. बच्चों ने बताया कि उनके पिता उनकी मां को भी बहुत मारते और गालियां देते थे. इसलिए मां उनसे अलग होकर रहने लग गई थी. मां के जाने के बाद तीनों मासूम अपने पिता के साथ रहते थे. लेकिन बेरहम पिता ने उन मासूमों को भी नहीं बख्सा और शराब के नशे में आए दिन उनके साथ मारपीट करने लगा।
पुलिस ने बताया कि बीती शाम तीनों बच्चें बैकुंठपुर के खमरिहा गांव अपने घर से निकले और एक ऑटो में सवार होकर रीवा पहुंचे. रीवा के ढेकहा चौराहे में उतर कर वह रेलवे स्टेशन जानें के लिए दूसरी ऑटो का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच वहां से गुजर रहे एक लोकल पत्रकार की नजर तीनों मसूमों पर पड़ गई. पत्रकार ने बच्चो से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ. पत्रकार ने तुरंत सिविल लाइन पुलिस को सूचना दी. पुलिस वहां पर मौके पर पहुंची. फिर पुलिस ने बच्चों को समझाया और उन्हें सुरक्षित वन स्टॉप सेंटर भेज दिया।
पत्रकार से बातचीत के दौरान मासूमों ने अपना दुख पत्रकार को बताया. बच्चों ने कहा कि हमें गुजरात अपने बाबा जी के यहां जाना है. हम अपनें बाबा के साथ ही रहना चाहते है. हम अपने पापा के साथ नहीं रहना चाहते है. बच्चों ने कहा कि पाप कभी भी मम्मी का कहना नहीं मानते थे. वे गांव में रहने वाले भोले सिंह का कहना मानते थे. भोले सिंह हमेशा पापा को शराब पिलाता था और पापा से कहकर मम्मी को मरवाता था।
बच्चों ने कहा कि मम्मी ने अक्सर पापा को उनका साथ छोड़ देने को कहती थी लेकिन वह नहीं माने. मासूम बच्चों ने बताया की पिता के साथ ही उनकी तीनों बुआ भी मम्मी को आए दिन परेशान करती थी. पापा से परेशान होकर मम्मी ने फैमली कोर्ट में केश दर्ज करवा दिया. मम्मी अलग हो गई और हम पापा के पास ही रह गए. हमें ठीक से खाना नहीं दिया जाता है. इसलिए हम गुजरात अपने दादाजी के पास जा रहे थे।
वहीं बच्चों की जानकारी देने वाले पत्रकार रोहित पाटिल की सजगता को देखते हुए पुलिस ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. एसपी विवेक सिंह ने बताया की बच्चों की सूचना सिंगरौली चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को दी गई है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बच्चो का कथन सुना है. वे परिवार वालों से बात करके बच्चों की इस समस्या का हल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. CWC के निर्देष पर बच्चों को वन स्टॉप सेंटर में भेजा गया है.