जन-कल्याण में राज्यों की सीमाएं बाधक नहीं : मुख्यमंत्री डॉ यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आम नागरिकों के कल्याण में राज्यों की सीमा बाधा नहीं बनना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी यही संकल्प है। उन्होंने प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिये महत्वपूर्ण केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। अंतर्राज्यीय केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना भारत की प्रथम नदी जोड़ो परियोजना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के मध्य 20 वर्ष से पार्वती चंबल कालीसिंध परियोजना की स्वीकृति के लंबित मामलों में अब स्वीकृति हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई इन मंजूरियों से प्रदेश के बड़े अंचल में विकास की गति तीव्र हो जाएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के तीव्र विकास का संकल्प पूरा करने में मध्यप्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। केन-बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड में सिंचाई और पानी की सुविधा व्यापक स्तर पर नागरिकों और किसानों को मिलेगी। यह परियोजना एक इतिहास रचने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज रवींद्र सभागम में मध्यप्रदेश के 69 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्थापना वर्ष 1956 से लेकर अब तक एक लंबी यात्रा तय हुई है। इस वर्ष राज्योत्सव और दीपोत्सव एक साथ आए हैं। प्रदेश में चार दिन का स्थापना दिवस समारोह और 5 दिन का दीपोत्सव हो रहा है। मध्यप्रदेश इस मामले में सौभाग्यशाली है कि यहॉ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में सर्वाधिक समय व्यतीत किया। भगवान श्रीकृष्ण ने भी मध्यप्रदेश की धरती पर उज्जैन आकर शिक्षा ग्रहण की। मध्यप्रदेश पर प्रकृति का भी वरदान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हिमालय से गंगा के उद्गम और अन्य नदियों की जल राशि को देखें तो उससे कहीं अधिक जल राशि नर्मदा के साथ सोन, चंबल, ताप्ती आदि से प्रवाहित होती है। मध्यप्रदेश नदियों के मायके की तरह है। यह देश के लिए अजूबा और वरदान दोनों है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा प्रदेश में खनिजों की प्रचुरता है। प्रदेश में 55 जिलों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण होगा। जिलों की सीमाओं के साथ ही संभागों की सीमा भी बदलेंगे। प्रदेश में 68 वर्ष में पुनर्गठन संबंधी कार्य इस स्तर पर नहीं हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार विकास के मामले में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2005 तक 5 मेडिकल कॉलेज ही थे, जिनकी संख्या वर्तमान में 20 हो गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हाल ही में प्रदेश में 3 नए मेडिकल कॉलेज लोकार्पित किए हैं। आने वाले 2 वर्ष में मेडिकल कॉलेज की संख्या 28 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल पर भी कार्य हो रहा है, जिससे प्रदेश में 40 मेडिकल कॉलेज होंगे। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित नागरिकों को मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस और दीपोत्सव की बधाई दी और पार्श्व गायक श्री अंकित तिवारी, मुंबई के निर्देशन में हो रहे गीत संगीत कार्यक्रम का आनंद लेने का आह्वान किया। गायिका सुश्री सुहासिनी जोशी ने मध्यप्रदेश गान प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पर्यटन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश पर केंद्रित फिल्म का रिमोट से बटन दबाकर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गायक श्री अंकित तिवारी का शॉल और श्रीफल द्वारा सम्मान किया। प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने नागरिकों का अभिनंदन करते हुए कार्यक्रम में उत्साह से भागीदारी के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री भगवानदास सबनानी, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्री विष्णु खत्री, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, पूर्व मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, श्री सुमित पचौरी, अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
पार्श्व गायक अंकित तिवारी ने गीतों से किया आनंदित
स्थापना दिवस समारोह की इस विशेष शाम पर सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक अंकित तिवारी ने मंच पर आते ही श्रोताओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए दीपावली और मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। अंकित ने सबसे पहले “लगता है दिल तेरी शामत आई है….” गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद लोकप्रिय गीत “तू जो है तो मैं हूं…. और तुम से ही….की” प्रस्तुति से सभागार में सुरीला संसार रच दिया। प्रस्तुति में आगे “सनम तेरी कसम….और जुगनी….” प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं पर जादू सा कर दिया। इसके बाद तो अंकित और श्रोताओं के बीच सुरीला रिश्ता कायम हो गया और गीतों का सिलसिला चलता गया। बत्तमीज…., साडा हक…., खैरियत…., तू ही हकीकत…., बूंद बूंद…., तो फिर आओ…., तू है कि नहीं…. जैसे लोकप्रिय गीतों से शाम को शानदार बना दिया। अगली प्रस्तुति सबसे लोकप्रिय गीत सुन रहा है न तू…. प्रस्तुत कर स्थापना दिवस की शाम में चार चांद लगा दिए। उन्होंने इसके बाद सय्योनी…., अंखियां उडीक…., पठान…. प्रस्तुत करते हुए प्रस्तुति का समापन तेरी गलियां….गीत प्रस्तुत कर किया।