स्व सहायता समुह के बहनो ने भी भाजपा से जुडने में दिखाई दिलचस्पी

भाजपा अध्यक्ष के मौजुदगी में सदस्यता ग्रहण कर कहा भाजपा से जुड़ना गौरव की बात

गरियाबंद। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव की मौजुदगी में गरियाबंद जोली के छुरा ब्लाक के ग्राम कोसमबुढ़ा में स्व सहायता समुह की महिलाओ ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। महासमुंद लोकसभा सांसद रूपकुमारी चौधरी ने मिस काल के माध्मय से उन्हे भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान स्व सहायता समुह की महिलाओ ने प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव से कहा कि भाजपा से जुड़ना हमारे लिए गौरव की बात है। भाजपा ही एक मात्र पार्टी है जो गांव, गरीब किसान के सर्वागीण विकास की चिंता करती है।

इसके पहले महिलाओ को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि कहा कि महिला स्व सहायता समूह का गठन का उद्देश्य गांव और शहरों में महिलाओं को मजबूत करना हैं। 2010 में तत्कालिन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इसकी शुरूआत की थी। आज गांव गांव में महिला स्व समुह बन गए है। समुह से जुड़कर महिलाए आत्मनिर्भर हो रही और परिवार का पालन पोषण भी कर रही है।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार गांव गरीबो और बहनो की चिंता करते है। प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनते सबसे पहले महिलाओ से किए वादे पर ध्यान दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश की 70 लाख बहनो को महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रूपए देने के मोदी के गांरटी को पूरा किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का ध्येय सिर्फ विकास है। इसे मजबुत करने और परिवार को बढ़ाने पार्टी सदस्यता अभियान के तहत नए सदस्य जोड़ रही है। आप सभी भाजपा से जुड़कर पार्टी को मजबुत करे।

इसके पहले महासमुंद लोकसभा सांसद रूप कुमारी चौधरी ने कहा कि 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जी ने प्रधानमंत्री जन धन की शुरू की थी। पहली बार महिलाओ को खाते खुले। तब कांग्रेसी उपवाह उड़ाते थे खाते तो खुल रहे पैसे कौन डालेगा। आज आप देख रहे होंगे हर योजना का लाभ सीधे हितग्राहियो के खाते में जा रहा है। हर महिने महतारी वंदन योजना की एक हजार की राशि सरकार इन्ही खातो में सीधे भेज रही है। मोदी सरकार ने महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।

इस अवसर पर संभाग सह प्रभारी जगन्नाथ पाणिग्रही, जिला सह प्रभारी किशोर महानंद सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता सहित स्व सहायता समुह की बहने उपस्थित थे।

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