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श्रीकृष्ण का जीवन प्रशासनिक दक्षता का श्रेष्ठ उदाहरण है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा भगवान श्रीकृष्ण का मध्यप्रदेश व उज्जैन से गहरा नाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध के बाद महाराजा उग्रसेन को पुन: राजा बनाया और स्वयं उज्जैन के सांदीपनी आश्रम में आकर 64 कलाओं की शिक्षा प्राप्त की। यह मनुष्य के जीवन में शिक्षा के महत्व को दर्शाती है और शिक्षा की सनातन परंपरा से मध्यप्रदेश व उज्जैन का गहरा नाता जोड़ती है। महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी नारायणी सेना कौरवों को दी और स्वयं पाण्डवों के पक्ष में रहे। भगवान श्रीकृष्ण की नारायणी सेना इतनी अनुशासित थी कि उसके सैनिकों ने युद्ध भूमि से पलायन नहीं किया और अंत तक युद्ध में डटे रहे।

भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकली श्रीमद्भगवद् गीता से कर्मयोग की शिक्षा प्राप्त होती है। भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में लोग गीता की शिक्षा का अनुसरण कर रहे हैं। श्रीमद्भगवद् गीता प्राणियों के जीवन में शांति, सहनशीलता, न्यायोचित, आदर्श जीवन मूल्य, मर्यादा का संदेश देती है। इसी कारण सनातन संस्कृति हजारों वर्ष के बाद भी अपने सम्पूर्ण गौरव के साथ विद्यमान है।

गीता के संदेश से मानव मात्र के कल्याण के लिए अपने जीवन का क्षण-क्षण समर्पित कर देने की प्रेरणा मिलती है। चाहे आप छात्र हों, गृहिणी हों, व्यवसायी हों, नौकरीपेशा हों, या अधिकारी हों, चाहे आप हिन्दू हों, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई या मुस्लिम हों, श्रीमद्भगवद्गीता आपको अपने-अपने क्षेत्र में, अपने-अपने पंथ में रहते हुए बेहतर प्रोफेशनल, बेहतर पिता, बेहतर पुत्र, बेहतर नागरिक और बेहतर नेतृत्वकर्ता बनने का मार्गदर्शन करेगी। इसलिए जीवन में लक्ष्य पाने के लिए हम सभी को श्रीमदभगवद् गीता का दिव्य पाठ करना चाहिए। गीता का ज्ञान सभी के लिए है, गीता साक्षात देववाणी है, गीता दिव्यवाणी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भोपाल में भगवत भक्तों ने गीता पाठ कर एक अनूठा विश्व रिकार्ड बनाया है। हम मध्यप्रदेश में गीता जी को पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित कर रहे हैं। श्रीमदभगवद गीता पर आधारित स्कूली छात्रों की प्रतियोगिता में 45 लाख से अधिक बच्चों ने भाग लिया व पुरस्कार जीतें।

श्रीकृष्ण पाथेय अंतर्गत जहां भगवान श्री कृष्ण के चरण पड़े वहां बनेंगे तीर्थ

प्रदेश में श्री कृष्ण पाथेय का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें अंतर्गत प्रदेश में विद्यमान भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सभी स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन धूमधाम से किया गया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शैक्षणिक संस्थाओं में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित विभिन्न प्रसंगों पर शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अकादमी परिसर में ‘श्रीमद्भागवत पुराण’ की पहाड़ी शैली में निर्मित चंबा के कलाकार श्री विजय शर्मा की चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने इस्कॉन मंदिर के श्रीमद्भगवद गीता प्रचार रथ को पूजा-अर्चना कर रवाना किया। यह प्रचार रथ संपूर्ण भारत में श्रीमदभगवद् गीता का प्रचार करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीमदभगवद् गीता एवं मूल्य आधारित शिक्षा पर आयोजित छात्रों की प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिए। पुरस्कार वितरण कर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने श्री क्रिस मार्टिन से चर्चा कर प्रथम आने पर शुभकामनाएं प्रेषित की। श्री क्रिस मार्टिन ने बताया कि वह ईसाई परिवार से संबंध रखने के बावजूद श्रीमदभगवद् गीता अध्ययन करते हैं एवं उसका सम्मान करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री गणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता, भारतीय ज्ञान परंपरा, समय का भारतीयकरण पुस्तकों का विमोचन किया।

सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्री श्रीराम तिवारी द्वारा स्वागत भाषण देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। श्री राजेश कुशवाह द्वारा कार्यक्रम का आभार माना गया। इस अवसर पर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, महामंडलेश्वर स्वामी श्री अनंतपूर्ण गिरी जी महाराज, परम पूज्य भक्तिप्रेम स्वामी महाराज, स्वामी श्री रंगनाथाचार्य महाराज, श्री रामनाथ महाराज उपस्थित थे।

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