एक परिवार से वादा कर भूल बैठे शिवराज सिंह चौहान, पहले दिया भरोसा फिर छोड़ दिया मरने को
रिपोर्टर : सुभाष मिश्रा
रीवा। रीवा में एक परिवार के पांच सदस्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसमें तीन भाई एक बहन और पिता मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की अजीबोगरीब रोग से ग्रसित है। इस बीमारी के वजह से उनकी मांसपेशियां निरंतर सिकुड़ रही है और शरीर पूरी तरह से कंकाल बनता जा रहा है। उनके जन्म के 10 साल बाद से यह बीमारी शुरू हुई। इस बीमारी का इलाज भारत में उपलब्ध नहीं है और काफी महंगा है, हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा पीड़ित परिवारों के इलाज का भरोसा जताया था।
इन बच्चों में बीमारी की शुरुआती लक्षण साल 2006 में दिखाई दिए थे। जिसके बाद बच्चों को उनके नाना दिल्ली एम्स लेकर गए एम्स के डॉक्टर ने रिसर्च पेपर तैयार कर अमेरिका भेजा, रिपोर्ट मिलने के बाद जर्मनी और यूएई में इलाज मिलने की सलाह दी। उस समय कांग्रेस से राज्यसभा सांसद ने भी इस परिवार की दिल्ली में जांच कराई विधायक के लेटर पर तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिवारों से बात की और जर्मनी में इलाज कराने और सरकार के द्वारा पूरा खर्च करने का भरोसा दिया था।
यह पीड़ित परिवार त्योंथर जनपद के उसरगांव का रहने वाला है, इस परिवार में नौ लोग हैं, इनमें से पांच मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित है। स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से इस बीमारी का इलाज कुछ हद तक संभव है पर इसका खर्चा भी बहुत महंगा है 100000 रुपए का इंजेक्शन मिलता है, वैसे 20 इंजेक्शन मरीज को लगाए जाते हैं। जांच और दूसरे चार्जर्स का भी खर्चा अलग से होता है, एक पीड़ित के इलाज में करीब 30 लाख रुपए तक का खर्च का अनुमान है