रिपोर्टर : लोकेश्वर सिन्हा
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के अमलीपदर सुखा तेल नदी पर 40 गांव के लोगो के सहूलियत के लिए 2022 में 7 करोड़ लागत से उच्चस्तरीय पुलिया निर्माण की शुरुवात की गई थी। पीडीडब्ल्यूडी के सेतु शाखा के देख रेख में काम शुरू तो हुआ पर दो साल में भी काम पुरा नही हुआ। नदी के पांच में से एक भी पिल्हर खड़ा नही किया गया। अब बारिश के दिनो मे स्कूली छात्रा जान जोखिम में डाल कर पढ़ाई करने पहूंचते हैं वहीं आवाजाही करने वाले हर एक सख्स को खतरा मोल लेना पड़ता है।
अमलीपदर को नेशनल हाइवे 130 से जोड़ने वाले इस रपटे पर अब आवाजाही करना किसी दुर्घटना को न्यौता देने के बराबर है, पर जाना मजबूरी है ऐसे में हर जरूरत मंद इस जानलेवा रास्ता को आवाजाही के लिए मजबूरी में चयन करता है। वही शिक्षको को स्कूल जाना हो या हायर सेकेंडरी के बच्चियों को स्कूल आना हो तो वो जोखिम उठा कर आवाजाही कर जाते है। आए दिन हादसे भी हुए, कुछ लोगो की जान भी गई पर, मजबूरी के चलते इस पर गुजरना लोगो ने नही छोड़ा है। रपटा पार करते हुए छात्राएं गिरी तो उन्हे भीगे कपड़े में ही दिन भर स्कूल में गुजारना पड़ जाता है।
पूल के अभाव में इलाके का कारोबार भी ठप्प सा हो जाता है। लगातार मिल रहे आश्वासन के बाद भी सुविधा के लिए तरस रहे ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया है। अनदेखी और लापरवाही की हदे पार कर चुकी। विभाग इस मामले में कुछ भी कहने से मनाही कर दिया।