पंचायत भवन में संचालित स्कूल, स्कूल में है पंचायत भवन

बलरामपुर @ सोमनाथ यादव। छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और शिक्षा नीति लागू कर शिक्षा स्तर सुधारने की दावे भी करती है लेकिन उन दावों के ऊपर बलरामपुर विकासखंड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला संतोषीनगर की हालत सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। स्कूल भवन काफी जर्जर होने की वजह से स्कूल के बच्चे पंचायत भवन के एक ही कमरे में पढ़ने पर विवश है। स्कूल भवन नहीं होने की वजह से स्कूल के शिक्षा के एवं स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार स्कूल के हालातो को लेकर अवगत कराया गया लेकिन अब तक इस ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। आज 3 सालों से बच्चे पंचायत भवन के एक ही कमरे में बैठकर पढ़ने पर भी विवश है। वहीं अधिकारियों के द्वारा स्कूल नई बनाए जाने की मांग भेजे जाने की बात कही जा रही है।

स्कूल चल पढ़े बर जिंदगी ला गाढ़े बर,, आपने स्लोगन को तो बहुत अच्छे से सुना होगा लेकिन इस स्लोगन का धरातल पर कितना असर देखा जा रहा है यह तस्वीर साफ तौर पर बयां करती है यह तस्वीर बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर संतोषी नगर का है जहां स्कूल के छत को उड़े आज 3 वर्ष बीत गए लेकिन आज तक ना ही इस ओर किसी ने मरमती कारण का ध्यान दिया नहीं यहां पर स्कूल भवन बनाने की कोई विशेष पहल की गई।दरसल यहां पर पहली से पांचवी तक पढ़ाई होती है और छात्र छात्राओं की संख्या 25 है। स्थानीय लोगों ने और स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी स्कूल भवन के अभाव की जानकारी जिले के शिक्षा विभाग के साथ-साथ आला अधिकारियों को दी गई है। लेकिन आज तक यहां पर स्कूल भवन बनाने को लेकर जन प्रतिनिधि अधिकारियों के द्वारा भी कोई पहल नहीं की गई।

आपको बता दें छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की पूरे ताम झाम के साथ शुरुआत की गई। जिसका जिले के कई स्कूलों को लाभ मिला लेकिन उसे योजना का लाभ यहां तक नहीं पहुंच पाया और बच्चे एक ही कमरे पर अपने भविष्य को गढ़ने को मजबूर है। वहीं पंचायत के द्वारा इसी जगह पर हेड मास्टर के लिए अतिरिक्त कक्ष लगभग 8 साल पहले बनाई जा रहे थे लेकिन आज तक हेड मास्टर कक्ष भी अधूरे पड़े हुए हैं। वह इस मामले पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने छात्रों की पंचायत भवन में पढ़ने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने नए भवन बनाए जाने की मांग के संबंध में पत्र भेजने की बात कही है। लेकिन इससे यह बात स्पष्ट हो जाता है कि जिले की शिक्षा व्यवस्था कितनी अच्छी है इस तस्वीर को देख एवं अधिकारियों के जवाब सुन स्पष्ट समझ आ रहे हैं।

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