आश्वासन की सड़क पर भविष्य संवारने जाते है स्कूली बच्चे
मूलभूत समस्याओं का जमीनी हकीकत को आइना दिखाता सड़क
इन्हीं समस्याओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरते जा रहा हैं
सड़क के लिए स्कूली बच्चों समेत पालक कलेक्टर से मिलकर फिर करेगें मांग
देवभोग @ देवीचरण ठाकुर। शासन-प्रशासन में बैठे लोग ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का लाख दावा कर लें,लेकिन कई जगहों पर हकीकत इसके विपरित होती है।ग्रामीण कभी सड़क के लिए तरसते हैं तो कभी पानी के लिए,ऐसा ही एक मामला वर्षों से जिले के देवभोग क्षेत्र से लगे ग्राम निष्टिगुड़ा के आश्रित गांव परेवापाली के सड़क का है। यहां बारिश के दिनों में दोनों ही सड़कें कीचड़ से सन जाती हैं। इस सड़क से गुजरना हर किसी के लिए कठिन होता है। खासकर स्कूली बच्चों के लिए यह डगर तो और तकलीफदेह होती है। बच्चे कभी इसमें फिसलकर गिर जाते हैं तो कभी कीचड़ लगे ड्रेस में ही स्कूल पहुंचते हैं।
सेंदमुड़ा के मशहूर एलेकजेंडर खदान गांव से लगे गांव परेवापाली के सड़कों का हाल भी बुरा है। हाल ऐसा है कि गाडिय़ां तो दूर की बात,समय में पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूली बच्चों को होती है।सड़क बरसात में कीचड़ से लतपथ होने से आने-जाने के दौरान हर दिन ड्रेस तो गंदे होते ही हैं,कोई न कोई बच्चा फिसलकर गिर जाता है। परेशानियों के बीच वे जीवन से हमेशा संघर्ष करते रहते हैं,उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता है। शिक्षा के लिए माता पिता अपने नौनिहालों को स्कूल भेज रहे हैं। वहीं बच्चे इस उम्मीद से स्कूल की ओर रुख कर रहे हैं कि हमारा भविष्य स्कूल जाने से सुधरेगा। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाहियों से बच्चों का भविष्य अब कीचड़ में ही दौड़ लगा रहा है। यही कारण है कि शिक्षा का स्तर ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार गिरता जा रहा है,लेकिन शासन प्रशासन में उच्च पदों पर विराजमान अधिकारी स्कूलों में बच्चो की समस्या को देख भी नहीं पाते हैं।
क्षेत्र के अन्य गांव में भी आश्वासन वाली सड़क पर दौड़ा रहे लोग जीवन का पहिया :--परेवापाली के अलावा देवभोग क्षेत्र के एसे कई ग्राम पंचायत के आश्रित पारा,मोहल्ला है जहां आजादी से लेकर अब तक पक्की सड़क सपने के बराबर हैं। बात करे हम ग्राम पंचायत लाटापारा के आश्रित गांव पूंजीपारा और कांडपारा की यहां की आबादी लगभग 400 है,बरसात आते ही सड़क कीचड़ से लतपथ हो जाता है,जिससे ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चे भी परेशान रहते हैं,सरपंच योगेंद्र यादव ने बताया कि आजादी से अब तक कांडपारा में एक भी सीसी सड़क नहीं बना,पूर्व सरपंचों ने मांग किया था पर अब तक मांग पूरा नहीं हुआ,यही हाल पूंजीपारा वाली सड़क की हैं। जो वन विभाग के अंडर आता हैं।लाटापारा के अलावा ग्राम पंचायत सुकलीभांठा(पुराना) के आश्रित गांव बंदपारा(200 की आबादी)ग्राम पंचायत मुड़ागांव के आश्रित गांव सरदापुर (250 की आबादी)बंदपारा से मेन रोड़ तक,लछीपुर से बढ़ईपारा,ग्राम पंचायत डूमरबहाल में डूमरबहाल से केंदूबंद मार्ग, ग्राम पंचायत बरबहाली का चेररूपारा बरसात में स्कूली बच्चों को प्रभावित करता हैं। इसी कच्ची सड़क के सहारे यहां के ग्रामीण बिना शिकवा शिकायत के अपना गुजर बसर करने पर मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना हैं:– परेवापाली के ग्रामीण विद्याधर पात्र ने बताया कि सड़क के लिए स्थानीय स्तर पर एवं कलेक्टर,मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग किए सालों बीत चूके अभी तक मांग पूरा नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि इस सड़क के वजह से बच्चे रोज स्कूल जाने से भी परहेज कर रहे हैं। वहीं महिलाओं, कामकाजी लोगों व ग्रामीणों को भी आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चुंकी सरकारी राशन दुकान एवं खाद बीज का गोदाम ग्राम पंचायत मुख्यालय निष्टिगुड़ा में स्थित हैं,इसलिए महीने में एक बार राशन के लिए ग्रामीणों को निष्टिगुड़ा जाना पड़ता हैं। जिससे दोपहिया वाहन इस कीचड़ भरी रास्ते रास्ते में नहीं चल सकता। अगर इस गांव में किसी की तबियत खराब हो जाए तो उसे समय पर अस्पताल ले जाने में भी काफी मुश्किल है। ग्रामीणों का कहना कि सड़क जल्द नहीं बनाई गई तो स्कूली बच्चों एवं पालकों के साथ मिलकर कलेक्टर के पास फिर से मांग करने पहुंचेंगे।
क्या कहते है सरपंच:- ग्राम पंचायत निष्टीगुड़ा सरपंच टीकम सोनवानी का कहना हैं सड़क पर हमने मुरमीकरण करवाया हैं,बरसात में कीचड़ होना आम बात है,इसके लिए हमने शासन प्रशासन से लिखित रूप में पक्के सड़क के लिए मांग भी कर चुके हैं,पर मांग अब तक पूरा नहीं हुआ।
सड़क के लिए मैंने स्वयं बार-बार आवेदन देकर मांग किया हैं, फाइल बन चूका हैं,बरसात जाते ही जल्द काम चालू होगा।
अमित अवस्थी,जनपद सदस्य निष्टीगुड़ा
परेवापाली से निष्टीगुड़ा सड़क के लिए हमने पीएमजेएसवाई से सर्वे करवाया हैं,विभाग के तरफ से मांग पत्र भेजी गई हैं,संभवत: बरसात के बाद कार्य प्रारंभ हो सकता हैं। प्रतीक प्रधान,सीईओ जनपद पंचायत देवभोग