प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से लाभान्वित हो रहे ग्राम पंचायत गोरखपुर खुर्द के ग्रामीण परिवार
ग्राम पंचायत गोरखपुर खुर्द सहित आश्रित ग्राम उसलापुर के पात्र 80 हितग्राहियों में से 59 परिवारों को मिला आवास का लाभ
कवर्धा। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत गोरखपुरखुर्द वासियों को योजना का बेहतर लाभ मिल रहा है। अभी तक पात्र 80 हितग्राहियों में से 59 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास प्रदाय किया गया है, जिनका आवास बनाने का सपना पूरा होने लगा है। इन 59 आवास में से 55 परिवारों का आवास बन गया है तथा शेष 4 परिवारों का आवास उनके द्वारा बनाया जा रहा है। ग्राम पंचायत गोरखपुर खुर्द में प्रधानमंत्री आवास योजना बनाए जाने के संबंध मे प्राप्त जानकारी अनुसार भारत सरकार से प्राप्त सर्वे सूची 2011 वित्तीय वर्ष 2016 में प्राप्त हुआ था। इसमें कुल 130 हितग्राहियों की सूची प्राप्त हुई थी।
केंद्र एवं राज्य शासन के निर्देशानुसार उक्त सूची का ग्राम सभा द्वारा अंतिम परीक्षण कर 80 ग्रामीण परिवारों को पात्र पाया गया, जिनका स्थाई प्रतीक्षा सूची बना। इन्हीं पात्र हितग्राहियों में से 59 ग्रामीण परिवार योजना से लाभान्वित हो चुके हैं तथा आवास निर्माण की राशि शासन द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में प्रदाय की गई है। स्थाई प्रतीक्षा सूची से ही आवास स्वीकृत का कार्य किया जाता है। स्वीकृत के लिए शेष बचे 21 परिवारों का आवास राज्य शासन से निर्देश मिलने पर स्वीकृत होगा। ज्ञात हो कि गत सप्ताह ग्राम उसलापुर की 30 महिलाएं प्रधानमंत्री आवास प्रदान करने की मांग को लेकर आवेदन प्रस्तुत किए थे। विभाग द्वारा इनके आवेदनो का परीक्षण करने पर कोई भी पात्र की सूची में नहीं पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सभी ग्राम पंचायतों की स्थाई प्रतीक्षा सूची बनी हुई है। शासन द्वारा समय-समय पर प्रतीक्षा सूची से आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान किया जाता है। प्रत्येक आवास के लिए 1 लाख 30 हजार रुपए शासन द्वारा निर्धारित किया गया है जो चार किस्तों में हितग्राहियों को सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान किया जाता है। प्रथम क़िस्त आवास स्वीकृत के समय 25 हजार रूपए, द्वितीय किस्त 45 हजार रुपए प्लिंथ स्तर तक निर्माण होने पर, तृतीय किस्त 45 हजार रुपए छत ढलाई के समय एवं अंतिम किस्त 15 हजार रुपए आवास पूर्ण करने पर हितग्राहियों को उनके बैंक खाते में मिलता है। इसके साथ ही आवास निर्माण में लगे ग्रामीणों को 95 दिवस का रोजगार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से मिलता है। इस तरह ग्रामीणों को शासन द्वारा आवास बनाने के साथ रोजगार भी मुहैया कराया जाता है।