गोठानों से समृद्ध हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था
गोठान मे जैविक खाद, सामुदायिक बाड़ी, मिनी राईस मिल से महिलाएं हो रही है सशक्त
रायपुर। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला के विकासखंड छुईखदान के ग्राम कोड़का (ग्राम पंचायत गोपालपुर) में गौठान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था समृद्ध हो रही है, साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण सक्षम हो रही है।’ ग्राम कोड़का से 03 साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से गौठान का निर्माण हुआ है। यहां कार्य करने वाली राधा-कृष्णा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी टांके मे अब तक कुल 791.90 क्विंटल वर्मी खाद और 165 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है। समूह को खाद विक्रय से अब तक उन्हें 7लाख 79 हजार रुपये की आय अर्जित हुई है। महिलाएं यहां केंचुओ का उत्पादन भी कर रही हैं। बीते छह महीनों में 24 किंटल केंचुआ बेचकर महिलाओं ने 4 लाख 62 हजार रूपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है।
गोठान में तैयार की गई सामुदायिक बाड़ी में महिलाओं को पिछले 02 माह मे एक लाख रूपये की आय हई है। यहां आलू, प्याज, हल्दी, टमाटर एवं अन्य सब्जियो का उत्पादन लिया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान के मार्गदर्शन में वर्तमान मे गोठान की भूमि में नर्सरी तैयार की जा रही है, इसके लिए 4 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इससे यहां 40 हजार पौधें तैयार किए जाएंगे।
राधा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती मीना साहू का कहना है कि अपने घरेलू कार्यों के साथ साथ गोठान में जैविक खाद निर्माण, सामुदायिक बाड़ी में सब्जी उत्पादन, मिनी राईस मिल संचालन के साथ-साथ नर्सरी में पौधे की देख-भाल कार्य भी कर रही है। गौठानों में चलाई जा रही इन आर्थिक गतिविधियों से महिलाओं को नियमित रूप से आमदनी मिल रही है। उन्हांेने इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।