रीवा @ सुभाष मिश्रा। झारखंड में तैनात रीवा का एक जवान बड़े हादसे का शिकार हो गए. घायल जवान सीपी तिवारी CRPF में सहायक कमांडेंट के पद पर तैनात है. सुबह अन्य जवानों के साथ वह सर्च अभियान चला रहे थे इसी दौरान नक्सलियों के द्वारा बिछाया गया IED ब्लास्ट हो गया. धमाका इतनी तेज था की स्प्लिंटर निकल कर सीधे उनके गाल को चीरता हुआ निकल गया जिसकी वजह से बुरी तरह घायल हो गए. गनीमत रही की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान सभी जवानों के बीच काफी दूरी थी अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था. मौके पर तैनात अन्य जवानों ने IED ब्लास्ट की सूचना अपने सीनियर अधिकारियो को दी जिसके बाद उन्हें सेना के हैलीकॉप्टर से रांची के अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनका उपचार किया जा रहा है.
आईडी ब्लास्ट में रीवा का लाल घायल
सीआरपीएफ 197 बटालियन के सहायक कमांडेंट सीपी तिवारी 24 जुलाई की सुबह लगभग 7.30 बजे सर्च ऑपरेशन के दौरान भाकपा माओवादियों द्वारा लगाये गये 10-10 किलो के शक्तिशाली आइइडी विस्फोट में स्प्लिंटर लगने से गंभीर रुप से घायल हो गये हैं. उनके गाल को स्प्लिंटर चीरते हुये पार हो गई थी. उनका इलाज रांची के मेडिका अस्पताल में चल रहा है. अब वे खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि तुम्बाहाका जंगल क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद तय एसओपी का पालन करते हुये सहायक कमांडेंट सीपी तिवारी अपने जवानों के साथ सर्च अभियान चला रहे थे.
नक्सलियों ने किया था आईडी ब्लास्ट
जानकारी के मुताबिक सारे जवान एक-दूसरे से काफी दूरी पर थे. तभी नक्सलियों द्वारा शक्तिशाली आइइडी विस्फोट किया गया, जिसमें एक स्प्लिंटर लगने से सहायक कमांडेंट गंभीर रुप से घायल हो गये थे. घटना के बाद सेना के हेलिकॉप्टर से उन्हें रांची मेडिका अस्पताल भेजा गया. अगर जवान एक-दूसरे से अधिक दूरी पर नहीं रहते तो बड़ी घटना घट सकती थी सहायक कमांडेंट सीपी तिवारी बेहतर कार्य प्रणाली के जाने जाते थे. जिस इलाके में वह पादस्थ थे वहां के आदिवासी व मानवता प्रेमी और गरीब ग्रामीणों की सेवा व ग्रामीणों में बढ़ती उनकी लोकप्रियता से घबरा कर नक्सलीयो ने उन्हें अपना लक्ष्य बनाकर कर आइइडी विस्फोट किया था, ताकि बड़े नेतृत्वकर्ता को नुकसान पहुंचाया जा सके.
क्षेत्र के लोगों में काफी लोकप्रिय थे सीआरपीएफ के जवान
सारंडा में वे जब भी नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में निकलते थे, तो सुदूरवर्ती गांवों में रहने वाले गरीबों से मिलकर यथासंभव उनकी मदद करते और अपनी कुशल व्यवहार से आदिवासियों के दिल में बस जाते है. अगर उनके कैंप में कोई गरीब किसी प्रकार की मदद हेतु आता है, तो उसके लिये वे सदैव खडे़ रहते है. किसी को निराश होकर वापस नहीं जाने देते है. सारंडा के ग्रामीण उनके व्यवहार से काफी प्रभावित रहते है. घायल सहायक कमांडेंट सीपी तिवारी अतरैला थाना के जोन्हा गांव के रहने वाले हैं।