रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने लूट, चाकूबाजी, मारपीट, अपहरण, हत्या जैसे संगीन अपराधों के जरिए आतंक फैलाने वाले दहशतगर्दों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। श्री गुप्ता ने कहा कि जब प्रदेश सरकार और आला अफसरों की नाक के नीचे अपराधी राजधानी में ही अपना जंगलराज कायम कर रहे हैं तो प्रदेश के बाकी इलाकों का तो भगवान ही मालिक है!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अपराधों का गढ़ बना चुकी प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक ओर बेहतर कानून-व्यवस्था ओर स्मार्ट पुलिसिंग का ढिंढोरा पीट रही है, दूसरी ओर रास्ता रोककर चाकू व अन्य हथियारों के इस्तेमाल से लूट, मारपीट, अपहरण, चाकूबाजी जैसे अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। इससे राजधानीवासियों में दहशत बढ़ती जा रही है। श्री गुप्ता ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि हाल ही बीते मई माह में हर दूसरे दिन रास्ता रोककर लोगों से मारपीट और लूटपाट के साथ ही चाकूबाजी की घटनाएं घटी हैं और जून माह में भी इन घटनाओं पर अब तक कोई अंकुश नहीं लगा है। श्री गुप्ता ने हाल ही एक युवा व्यापारी के हुए अपहरण की वारदात का जिक्र भी किया और कहा कि मई माह में राजधानी में 5 जानलेवा हमले समेत 13 लोगों पर हमले, 8 लोगों से मारपीट, 8 लोगों से लूटपाट समेत 3 दर्जन मामले दर्ज हुए हैं। हत्या की 3 वारदातें भी इसी मई माह में घटी हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि लगातार बढ़ते अपराधों के चलते राजधानी असुरक्षित हो गई है। सुशासन के ढोल पीटती प्रदेश सरकार जवाब दे कि राजधानी के हर कोनों में रात के अंधेरे में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है, तो फिर पुलिस की पेट्रोलिंग हो कहाँ रही है? श्री गुप्ता ने कहा कि ये तो वे तीन दर्जन मामले हैं, जिनकी रिपोर्ट दर्ज हुई है; लेकिन कई मामलों में या तो एफआईआर दर्ज ही नहीं की गई, या फिर कई पीड़ित पुलिसिया कार्यप्रणाली के चलते शिकायत करने थाने ही नहीं गए। हालात ये हो गए हैं कि रात में जरूरी काम से निकलने वाले लोग हर पल अपनी सुरक्षा को दाँव पर लगाने के लिए विवश हो गए हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में मामले दर्ज होने के बाद भी प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की कुंभकर्णी निद्रा नहीं टूटी है और अपराधों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। केदार गुप्ता ने कहा सट्टे की रक़म वसूली के लिये सुपारी किलींग जैसी वारदात को अंजाम दिया गया और वसूली के लिये हत्या कर दी गई,जिससे छत्तीसगढ़ वासियों में दहशत है।