chhattisgarh में आरक्षण की आग – सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अर्जेंट हियरिंग

स्टेट हेड – पंकज विश्वकर्मा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर सियासत अब भी गरमाई हुई है। पक्ष और विपक्ष में आरक्षण को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है। प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के अनुशंसा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आहूत करने का फैसला लिया गया था। जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने बघेल के आग्रह पर 1 और 2 दिसंबर 2022 को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया।जिसमें आरक्षण को लेकर चर्चा करने के बाद आरक्षण संशोधन विधेयक एवं शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक सर्वसम्मति पारित किया गया। जिसके बाद सरकार और राज्य भवन में सीधे टकराव की स्थिति देखी गई। आरक्षण संशोधन विधेयक पारित होने के 4 माह बाद भी आरक्षण पर हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले पर सोमवार को अर्जेंट हियरिंग की बैठक बुलाई गई है। जिसमें आरक्षण को लेकर चर्चा की जाएगी।

जिसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य भवन पर जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी जिस प्रकार से दुरुपयोग कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उन्हीं राज्यों में हो रहा है जहां भाजपा की सरकार नहीं है। वही इस प्रकार की समस्या आ रही है। जहा भाजपा की सरकार है वहां राज्य भवन में इस प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो रही है।

कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी के बाद राजनीति की है कांग्रेस पार्टी आरक्षण देने के लिए नहीं आरक्षण छीनने के रूप में छत्तीसगढ़ में सबके सामने आई है। चाहे एसटी आरक्षण को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का काम हो। ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने का काम हो। चुनौती देने वाले थे उन्हें पद पर पदोन्नति देने का काम हो। आरक्षण के मामले में कांग्रेस पार्टी राजनीति कर रही है।

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