नेहरू संग्रहालय का नाम बदलना मोदी सरकार की संकुचित मानसिकता – कांग्रेस
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल के नाम पर बने नेहरू संग्रहालय के नाम को बदले जाने को कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी और भाजपा की संकुचित मानसिकता बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम नरेंद्र मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय दुनिया भर के विद्वानों के लिये जिज्ञासा शांत करने का केंद्र रहा है। मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर अपनी छोटी सोच को प्रदर्शित किया है। भाजपा कहां-कहां से महात्मा गांधी और पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम को हटायेगी। नेहरू का नाम जो देश के जन मन में रचा बसा है। इस देश की आजादी से लेकर आधुनिक भारत के नव निर्माण में पं. जवाहर लाल नेहरू का अतुल्य योगदान है। आजादी का लड़ाई में अपनी जवानी के 16 साल से अधिक समय को पं. नेहरू ने अंग्रेजों की जेलों में बिताया था। उन्होंने कभी भाजपा आरएसएस के पितृ पुरूषों की भांति न अंग्रेजों की चाटुकारिता किया था और न ही जेल से रिहाई के लिये सावरकर के जैसे अंग्रेजों के सामने माफी नामा दिया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा और मोदी दुर्भावनावश पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम से बने संग्रहालय का नाम भले ही बदल ले लेकिन पं. नेहरू द्वारा बनाये गये भाखड़ा नांगल बांध सिंचाई परियोजनाये बोकारो, राउर केला, दुर्गापुर, भिलाई जैसे उद्योगो पर से नेहरू जी की छाप कैसे मिटायेंगे? जब भाजपा के पूर्वज श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय, अपने दल के राजनैतिक वजूद की तलाश के लिये देश में हिन्दू मुस्लिम और क्षेत्रवाद का जहर बो कर सांप्रदायिकता फैलाकर विघटन फैलाने की कोशिशे में लगे हुये थे तब पं. जवाहर लाल नेहरू भारत में शिक्षा व्यवस्था का प्रचार प्रसार, स्कूल कालेजो का निर्माण, मेडिकल कालेजो का निर्माण, एम्स आईआईएम आईआईटी बना रहे थे। देश के नव निर्माण के लिये सुई से लेकर हवाई जहाज बनाने की योजनायें बना कर क्रियान्वयन करवा रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सभी प्रधानमंत्रियों की यादों को सहेजने स्मारक बनाने की योजना बना रहे है उसका स्वागत है। लेकिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम से बने स्मारक को बदलना मोदी का नेहरू जी के प्रति पूर्वाग्रह को दर्शाता है। यह मोदी की घटिया मानसिकता को भी प्रदर्शित करता है।