भाई और बहन के प्रेम का पर्व रक्षा बंधन, दिव्यांग कुलेश्वरी ने भाई को बाँधी राखी

रिपोर्टर : लोकेश्वर सिन्हा

गरियाबंद। रक्षा बंधन भाई और बहन के प्रेम का पर्व कहलाता है, जो एक भाई और बहन के रिश्ते को एक रेशम की धागा अटूट बंधन में जोड़ कर रखता हैं। इस पर्व में हम एक ऐसी बहन को दिखा रहे है जो अपने भाई को राखी बांधती है तो भाई के आंखे भर आती है।

गरियाबंद जिले के राजिम से लगे ग्राम रावन गांव में एक ऐसी बहन है जो मुह से अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है, और हर साल रक्षा बंधन पर्व की बेसबरी से इंतजार करती है। रावन गांव की रहने वाली कुलेश्वरी साहू को मानव जीवन तो मिला पर वो भी अधूरा जो जन्म से ही दोनो हाथों से दिव्यांग हैं। हाथ तो है पर वो भी पूर्ण रूप से दोनों हाथ नही है, सिर्फ कंधे से लगा 2 से 3 इंच का उंगली है, इसी उँगली और मुह के सहारे ही वह अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है, हाथ नही पर भाई के लिए अटूट प्यार है, भाई के हाथ मे राखी बंधना इतना आसान नही है यह देख भाई के आंखों में आंसू भर आता है।

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