रायपुर पुलिस ने मनी हाईस्ट की तर्ज़ पर ड्रग रैकेट का किया भंडाफोड़, प्रोफेसर का राइट हैंड शुभम सोनी गिरफ्तार

रायपुर। नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष “निजात अभियान” के तहत रायपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय वेब सीरीज ‘मनी हाईस्ट’ से प्रेरित एक खतरनाक एमडीएमए (MDMA) ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट के सरगना आयूष अग्रवाल, जो पहले ही जेल में है, के मुख्य सहयोगी शुभम सोनी को पुलिस ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। सोनी और उसके साथियों ने अपने आपराधिक नाम और तौर-तरीके मनी हाईस्ट के पात्रों से प्रेरित होकर बनाए थे, जिसमें शुभम ने खुद को प्रसिद्ध ड्रग डीलर पैब्लो एस्कोबार की डीपी व्हाट्सएप पर लगाई थी।

गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम

13 मई को रायपुर पुलिस की एंटी क्राइम और साइबर यूनिट ने एक सूझबूझ भरी योजना के तहत शुभम सोनी को टिकरापारा क्षेत्र के कमल विहार सेक्टर 4 से एमडीएमए ड्रग्स की डिलीवरी करते हुए पकड़ा। पुलिस ने एक सदस्य को ग्राहक बनाकर शुभम तक पहुंच बनाई और उसे ड्रग्स डिलीवरी के दौरान दबोच लिया। शुभम सोनी के पास से पुलिस को एमडीएमए टैबलेट्स, चरस, एक पिस्टल और नकद राशि सहित कई अन्य संदिग्ध सामग्री मिली।

रैकेट की संरचना और मुख्य आरोपी

इस रैकेट का मास्टरमाइंड आयूष अग्रवाल था, जिसे पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। आयूष को गिरफ्तार करने के बाद उसका सबसे करीबी सहयोगी शुभम सोनी, जिसे रैकेट में ‘प्रोफेसर’ कहा जाता था, ने अपने अन्य साथियों अभिषेक साहू और सोनू अग्रवाल के साथ मिलकर ड्रग्स का कारोबार चलाना जारी रखा। शुभम और अभिषेक साहू एमडीएमए को हिमाचल प्रदेश के मनाली से मंगवाते थे और इसे रायपुर में बेचते थे।

गिरफ्तारी के समय शुभम ने पुलिस को बताया कि वह अपने काम को छुपाने और सुरक्षा के लिए ‘जिम्मी रॉय’ नाम का छद्म नाम इस्तेमाल करता था, और उसकी व्हाट्सएप डीपी पर प्रसिद्ध ड्रग पैडलर पैब्लो एस्कोबार की तस्वीर थी। इसके अलावा, उसने अपनी सुरक्षा के लिए एक पिस्टल भी रखा था, जो उसे सोनू अग्रवाल नामक व्यक्ति ने 1 लाख रुपये में उपलब्ध कराई थी।

पुलिस कार्रवाई में बरामद सामग्रियां

तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके कब्जे से निम्नलिखित वस्तुएं जब्त कीं:
98 एमडीएमए टैबलेट्स
04 पैकेट चरस
01 पिस्टल मय मैगजीन
100 खाली कैप्सूल
01 इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन
02 स्मार्टफोन
नकद 6 लाख रुपये की रकम
ड्रग्स पैकिंग और सप्लाई के अन्य उपकरण

पुलिस की विस्तृत जांच

पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद अब आगे की जांच जारी है। पुलिस इस रैकेट के बैकएंड और फॉरवर्ड लिंक की जांच कर रही है। आयूष अग्रवाल के जेल में होने के बावजूद उसके नेटवर्क को सक्रिय रखने की योजना कैसे बनाई जा रही थी, इसकी भी जांच की जा रही है। साथ ही, पुलिस ने संकेत दिए हैं कि इस रैकेट से जुड़े और भी कई प्रमुख नामों का जल्द ही खुलासा हो सकता है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस पूरी कार्रवाई पर रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार सिंह ने कहा, “निजात अभियान के तहत रायपुर पुलिस नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही है। हमने ड्रग्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एंटी क्राइम और साइबर यूनिट की विशेष टीम गठित की है। हमारे द्वारा पकड़े गए इस रैकेट से जुड़े सभी आरोपी कानून के दायरे में आएंगे, और ड्रग्स के फैलते जाल को खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम संदीप मित्तल ने भी इस केस पर जानकारी देते हुए बताया कि “आरोपियों के पास से जो हथियार और ड्रग्स बरामद हुए हैं, वह इस रैकेट की गंभीरता को दर्शाते हैं। हम इस मामले में गहराई से जांच कर रहे हैं और अन्य ड्रग पैडलर्स तक पहुंचने के लिए भी कार्यवाही जारी है।”

गिरफ्तार आरोपी

शुभम सोनी (27 वर्ष) – निवासी दुर्गापारा, संतोषी नगर, रायपुर।
अभिषेक साहू उर्फ चीनी (27 वर्ष) – निवासी नेहरू नगर, रायपुर।
सोनू अग्रवाल (38 वर्ष) – निवासी नया तालाब, रायपुर।

पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका

इस पूरे ऑपरेशन में एंटी क्राइम और साइबर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक परेश पांडे और टिकरापारा थाना प्रभारी मनोज साहू ने मुख्य भूमिका निभाई। उनके साथ पुलिस टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्य जैसे सरफराज चिश्ती, रविकांत पांडे, महेंद्र पाल साहू, अभिषेक सिंह तोमर, और अन्य कर्मियों ने पूरी कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

निजात अभियान की बड़ी सफलता

निजात अभियान के तहत इस तरह की सफलताएं रायपुर पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही हैं। पुलिस की कड़ी निगरानी और विशेष रणनीतियों के चलते शहर में ड्रग्स और अन्य अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।

आरोपियों के खिलाफ आरोप

आरोपियों के खिलाफ थाना टिकरापारा में धारा 23बी नारकोटिक एक्ट और 25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया जाएगा ताकि आगे की जांच में नए सिरे से खुलासे हो सकें।

इस गिरफ्तारी ने रायपुर में मनी हाईस्ट से प्रेरित अपराधियों के खतरनाक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, और पुलिस का दावा है कि इस रैकेट से जुड़े अन्य लोग भी जल्द ही कानून की गिरफ्त में होंगे।

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