रायपुर पुलिस ने महादेव रेड्डी बैट बुक से सट्टा संचालित करते हुए 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार
रायपुर। रायपुर पुलिस ने क्रिकेट सट्टा नेटवर्क के तहत महादेव रेड्डी बैट बुक – 23 के माध्यम से सट्टा संचालित करते हुए 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट और थाना मौदहापारा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
आरोपियों पर यह आरोप है कि वे प्रार्थी दशरथ निषाद को झांसे में लेकर उसका बैंक खाता खुलवाकर उसका उपयोग सट्टे के पैसों के लेन-देन के लिए कर रहे थे। 4 जुलाई को पुलिस ने पुणे के महालुंगे बानेर रोड स्थित एक फ्लैट में रेड मारकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 22 मोबाइल फोन, 03 लैपटॉप, 02 वाई-फाई, 12 पासबुक, 24 चेकबुक, 72 एटीएम कार्ड और सट्टे के पैसों का हिसाब रखने वाले रजिस्टर जब्त किए गए।
घटनाक्रम
प्रार्थी दशरथ निषाद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका साथी मोहित विश्वकर्मा ने उसे बैंक खाता खुलवाने के लिए कहा था। बाद में पता चला कि मोहित विश्वकर्मा ने इस खाते का उपयोग सट्टे के लेन-देन के लिए किया। पुलिस ने इस रिपोर्ट के आधार पर अपराध क्र 193/24 धारा 318(4), 61(2) बी.एन.एस तथा छ.ग. जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 07 के तहत मामला दर्ज किया।
पूर्व कार्रवाई
इससे पहले भी पुलिस ने पुणे में सांगरिया फेस-03 मेगा पोलिस हिंजेवाडी के एक फ्लैट में रेड मारकर 05 सटोरियों को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से 47 मोबाइल फोन, 06 लैपटॉप, 01 टैबलेट, 02 राउटर, 02 लैपटॉप चार्जर, 03 रजिस्टर, 20 पासबुक, 35 चेकबुक, 07 ऑनलाइन बैंकिंग किट और 56 एटीएम कार्ड बरामद हुए थे।
जांच और विवेचना
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और जांच में यह पता चला कि उनके कई साथी भी पुणे से महादेव एप पैनल के माध्यम से सट्टा संचालित कर रहे हैं। पुलिस अब तक कुल 09 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने बैंक खातों की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और ट्रांजैक्शनों का विश्लेषण किया जा रहा है।
गिरफ्तार आरोपी
तुषार शिवनकर, 24 साल, टिकरापारा, बिलासपुर
करण सिंह, 26 साल, रूआबांधा, भिलाई, दुर्ग
शुभम सिंह, 24 साल, रूआबांधा, भिलाई, दुर्ग
कमल चक्रधारी, 22 साल, जामुल, भिलाई, दुर्ग
टीम की महत्वपूर्ण भूमिका
कार्यवाही में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट के प्रभारी परेश पाण्डेय, निरीक्षक यामन कुमार देवांगन, उपनिरीक्षक मुकेश सोरी और उनकी टीम के अन्य सदस्य शामिल थे।
यह घटना क्रिकेट सट्टा और अवैध बैंक खातों के उपयोग की गंभीरता को दर्शाती है, और पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि अपराधियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।