राहुल गांधी सत्य की राह के निडर यात्री हैं और वह भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे-  कांग्रेस 

कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी- कांग्रेस 

अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें- कांग्रेस 

नई दिल्ली . कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर आए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि यह निराशाजनक जरूर है, मगर अप्रत्याशित नहीं है। कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। राहुल गांधी सत्य की राह के निडर यात्री हैं और वो भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे। इस तरह के पर्दाफाश से मोदी सरकार बौखलाई रहती है। मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह हो रहा है। कांग्रेस पार्टी को विश्वास है कि अंत में न्यायपालिका सत्य का ही साथ देगी। अहंकारी सत्ता को अंत में एक कड़ा जवाब मिलेगा।  

हाईकोर्ट के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्ववीट के जरिए कहा कि श्री राहुल गांधी ने हमेशा सच की लड़ाई लड़ी है, और आगे भी लड़ते रहेंगे। सच यह है कि ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल “भाई”, विजय माल्या, जतिन मेहता जैसे भगोड़े, मोदी सरकार के निगरानी में जनता के पैसे लेकर, संदिग्ध रूप से विदेश पहुंच गए। भाजपा ने उनको तो आज़ाद कर दिया, पर झूठ की चालें चल, एक राजनैतिक साज़िश के तहत, राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा कर, संसद से निलंबित करा दिया। भाजपा के राज में पहले भ्रष्टाचारी बाहर भागते हैं, और दूसरी तरफ़ मोदी जी की पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपित लोगों को भाजपा के “स्वच्छ भारत अभियान” के तहत वॉशिंग मशीन में धोकर, सत्ता हथियाने का खेल खेलती हैं। देश अब मोदी जी की भ्रष्टाचार पर दोहरी नीति बड़ी गहराई से जान चुका है। कांग्रेस का कोई भी नेता, हमारा कोई भी कार्यकर्ता, इस राजनैतिक साज़िश से नहीं डरता। कांग्रेस राजनैतिक लड़ाई और क़ानूनी लड़ाई, दोनों लड़ेगी। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि श्री राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें। जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है। लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।

वहीं हाईकोर्ट के फैसले को लेकर शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में कांग्रेस सांसद डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से बातचीत भी की। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस महासचिव एवं संचार, प्रचार व मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश भी मौजूद थे। सिंघवी ने कहा कि यह मामला सिर्फ राहुल गांधी या किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है, क्योंकि यह स्वतंत्र बोलचाल और अभिव्यक्ति की बात है। मोदी सरकार का उद्देश्य है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर नियंत्रण किया जाए। इसीलिए मानहानि के कानून का दुरुपयोग किया गया है। यह एक षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्र विचार और बातचीत पर रोक लगे, उसका गला घोंटा जाए और इस प्रकार की स्वतंत्र सोच कोई न कर पाए। 

सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी पर आए कोर्ट के फैसले में मानहानि कानून को जघन्य अपराध बताया गया है। जैसे ये देश के खिलाफ अपराध हो। राहुल गांधी ने राजनीतिक वजहों से पीएम मोदी की निंदा की। यह राहुल गांधी का हक है, लेकिन क्या इस मामले में पीएम याचिकाकर्ता हैं? जो शिकायतकर्ता हैं, वो खुद कैसे मानहानि के शिकार हुए, कृपया ये बताया जाए। आज तक, आज वाले निर्णय को मिलाकर इस प्रश्न का उत्तर नहीं आया है कि इन व्यक्तियों की मानहानि कैसे हुई? इस कार्रवाई का एक अभिन्न अंग है- द्वेष। न इस निर्णय ने, न पहले के निर्णय ने किसी रूप से आपको बताया कि इसमें कैसे और कहां से द्वेष आता है। राहुल गांधी जी के भाषण में कहाँ से द्वेष आता है, निर्णय में उसका उत्तर भी नहीं दिया गया। इससे शिकायतकर्ताओं को किस प्रकार से नुकसान हुआ है? 

सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी जी अन्य मामलों में दोषी नहीं ठहराए गए हैं। वो कुछ मामलों में अभियुक्त हैं। एक अभियुक्त की हैसियत से उनके ऊपर ये टिप्पणी करना बिल्कुल गलत होगा। राहुल गांधी जी पर जो मामले हैं, उन सबका स्रोत एक ही है। उन सबके स्रोत शिकायतकर्ता भाजपा नेता और पदाधिकारी हैं।

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