दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत में महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप भारतीय जीवन बीमा निगम की ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर, उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज भारत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और मजबूत कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि आज महीने का 9वां दिन होना इसलिए भी विशेष है क्योंकि हमारे शास्त्रों में 9 अंक को शुभ माना गया है और यह नवदुर्गा के नौ रूपों से जुड़ा है, जिनकी नवरात्रि के दौरान पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि आज नारी शक्ति की पूजा का भी दिन है।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 9 दिसंबर को ही संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी और आज देश में संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उत्सव के मौके, यह तारीख हमें समानता और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करती है।
हरियाणा को दुनिया को नीति और धर्म का ज्ञान देने वाली महान भूमि बताते हुए श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस समय कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव भी मनाया जा रहा है। उन्होंने गीता की भूमि को नमन किया और हरियाणा के सभी देशभक्त लोगों को बधाई दी। श्री मोदी ने हरियाणा के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के मंत्र को अपनाया है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है।
हरियाणा के साथ अपने अटूट रिश्ते और लगाव को व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में बनी राज्य सरकार की हर तरफ से प्रशंसा हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि देश ने देखा है कि सरकार बनने के बाद किस तरह हजारों युवाओं को बिना किसी भ्रष्टाचार के स्थायी नौकरियां मिली हैं। हरियाणा की महिलाओं को धन्यवाद देते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने बीमा सखी योजना शुरू की है, जो देश की महिलाओं को रोजगार प्रदान करती है। उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई दी।
कुछ साल पहले पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत करने के अपने सौभाग्य को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि अकेले हरियाणा में पिछले एक दशक में हजारों बेटियों की जान बचाई गई। श्री मोदी ने कहा कि अब एक दशक के बाद इसी पानीपत की धरती से बहनों और बेटियों के लिए बीमा सखी योजना की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि पानीपत नारी शक्ति का प्रतीक बन गया है।
उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित भारत बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 1947 से लेकर आज तक हर वर्ग और हर क्षेत्र की ऊर्जा ने भारत को इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को प्राप्त करने के लिए भारत को ऊर्जा के कई नए स्रोतों की जरूरत है। पूर्वोत्तर भारत ऐसा ही एक स्रोत है। उन्होंने कहा कि भारत की नारी शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह, बीमा सखी, बैंक सखी, कृषि सखी के रूप में ऊर्जा का एक और महत्वपूर्ण स्रोत है जो विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देगा।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करना और उनकी राह में आने वाली हर बाधा को दूर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं सशक्त होंगी तो देश के लिए अवसरों के नए द्वार खुलेंगे। सरकार द्वारा महिलाओं के लिए वर्जित रही नौकरियों को उनके लिए खोले जाने पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने कहा कि आज भारत की बेटियां सेना की अग्रिम पंक्ति में तैनात की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में भारत की बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, पुलिस में भर्ती हो रही हैं और कॉरपोरेट कंपनियों का नेतृत्व भी कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में किसानों और पशुपालकों के 1200 उत्पादक संघ या सहकारी समितियां हैं, जिनका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियां खेल से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह करने से भी लाखों बेटियों को लाभ हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू किए गए बीमा सखी कार्यक्रम की नींव भी वर्षों की कड़ी मेहनत और तपस्या पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आजादी के 6 दशक बाद भी ज्यादातर महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं थे, इसलिए महिलाएं पूरी बैंकिंग व्यवस्था से कटी हुई थीं। जन धन योजना के तहत 30 करोड़ महिला खातों पर गर्व व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए जन धन खाते खोले हैं ताकि गैस सब्सिडी जैसी सब्सिडियां परिवार के जिम्मेदार हाथों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जन धन योजना ने किसान कल्याण निधि, सुकन्या समृद्धि योजना, अपना घर बनाने के लिए धन, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए दुकान खोलने के लिए धन, मुद्रा योजना और अन्य योजनाओं से धन का हस्तांतरण सुनिश्चित करने में भी मदद की है।
प्रधानमंत्री ने हर गांव में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने में महिलाओं की अहम भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि जिनके पास बैंक खाते भी नहीं थे, वे अब बैंक सखी के रूप में ग्रामीणों को बैंकों से जोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बैंक सखियों ने लोगों को यह सिखाना शुरू कर दिया है कि बैंक में पैसे कैसे बचाएं, लोन कैसे लें और ऐसी लाखों बैंक सखियां आज हर गांव में सेवाएं दे रही हैं।
श्री मोदी ने याद दिलाया कि पहले भारत की महिलाओं का बीमा नहीं होता था। उन्होंने कहा कि आज लाखों महिलाओं को बीमा एजेंट या बीमा सखी बनाने का अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि अब बीमा जैसे क्षेत्रों के विस्तार में भी महिलाएं नेतृत्व करेंगी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि बीमा सखी योजना के तहत 2 लाख महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि बीमा सखी योजना के तहत 10वीं कक्षा पास करने वाली लड़कियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और तीन साल तक वित्तीय मदद दी जाएगी। बीमा क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों का हवाला देते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक एलआईसी एजेंट हर महीने औसतन 15 हजार रुपये कमाता है। उन्होंने कहा कि हमारी बीमा सखियां हर साल 1.75 लाख रुपये से अधिक कमाएंगी, जिससे परिवार को अतिरिक्त आय होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीमा सखियों का योगदान पैसे कमाने के अलावा और भी बहुत कुछ होगा। उन्होंने कहा कि भारत में ‘सबके लिए बीमा’ ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा और गरीबी को जड़ से मिटाने के लिए यह जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बीमा सखियां सबके लिए बीमा के मिशन को मजबूत करेंगी।
श्री मोदी ने किसी व्यक्ति के बीमा कराने पर उसे खासा लाभ मिलने की बात पर जोर देते हुए कहा कि सरकार प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाएं लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत बहुत कम प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का बीमा प्रदान किया जाता है। श्री मोदी ने कहा कि देश के 20 करोड़ से अधिक लोग जो कभी बीमा के बारे में सोच भी नहीं सकते थे, उनका बीमा किया गया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं के तहत अब तक लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की दावा राशि दी जा चुकी है। श्री मोदी ने कहा कि बीमा सखियां देश के कई परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करने का काम करेंगी, जो एक तरह का अच्छा काम है।
पिछले 10 वर्षों में भारत में ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाई गई क्रांतिकारी नीतियां और नीतिगत निर्णयों के वास्तव में अध्ययन का विषय होने पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही बीमा सखी, बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी जैसे नाम सरल और सामान्य लगते हों, लेकिन वे भारत का भाग्य बदल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का स्वयं सहायता समूह अभियान महिलाओं के सशक्तिकरण को देखते हुए इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को एक बड़ा माध्यम बनाया है। उन्होंने कहा कि देश भर में 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और पिछले एक दशक में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है।
प्रधानमंत्री ने देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की भूमिका और असाधारण योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हर समाज, वर्ग और परिवार की महिलाएं इससे जुड़ी हैं और हर महिला को इसमें अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्वयं सहायता समूहों की मुहिम से सामाजिक सद्भाव और सामाजिक न्याय को भी मजबूती मिल रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वयं सहायता समूह न केवल एक महिला की आय बढ़ा रहे हैं, बल्कि एक परिवार और पूरे गांव का आत्मविश्वास भी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने अच्छे काम के लिए सभी की सराहना की।
श्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से की गई अपनी घोषणा को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का वादा किया था और अब तक देशभर में 1 करोड़ 15 लाख से ज़्यादा लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ये महिलाएं हर साल एक लाख रुपए से ज्यादा कमाने लगी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लखपति दीदी अभियान को सरकार की नमो द्रोण दीदी योजना से भी बहुत ज्यादा मदद मिल रही है, जिसकी चर्चा हरियाणा में भी हो रही है। श्री मोदी ने हरियाणा की एक नमो द्रोणो दीदी का किस्सा सुनाया और कहा कि यह योजना खेती और महिलाओं के जीवन दोनों में बदलाव ला रही है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में आधुनिक खेती और प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हजारों कृषि सखियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग 70 हजार कृषि सखियों को पहले ही प्रमाण पत्र मिल चुके हैं और ये कृषि सखियां हर साल 60 हजार रुपये से अधिक कमाने की क्षमता रखती हैं। पशु सखियों के बारे में चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज 1.25 लाख से अधिक पशु सखियां पशुपालन से जुड़े जागरूकता अभियान का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि ये केवल रोजगार का साधन नहीं हैं बल्कि मानवता की बहुत बड़ी सेवा का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि कृषि सखियां न केवल आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को बचाने का काम कर रही हैं, बल्कि प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता फैलाकर मिट्टी और हमारे किसानों की भी सेवा कर रही हैं। इसी तरह, उन्होंने कहा कि हमारी पशु सखियां पशुओं की सेवा करके मानवता की सेवा जैसा पवित्र कार्य कर रही हैं।
देश की बहनों और माताओं से मिले प्यार और स्नेह पर जोर देते हुए, श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश में 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए हैं, जिससे कई महिलाओं को मदद मिली है जिनके घरों में शौचालय नहीं थे। उन्होंने कहा कि इसी तरह, करोड़ों महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर कनेक्शन दिए गए, जिनके पास 10 साल पहले तक गैस कनेक्शन नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि उन महिलाओं के लिए नल का पानी कनेक्शन, पक्के घर भी सुनिश्चित किए गए, जिनसे वो पहले वंचित थीं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाला कानून भी बनाया गया। उन्होंने कहा कि माताओं और बहनों का आशीर्वाद तभी सुनिश्चित होगा जब सही इरादे से ऐसे ईमानदार प्रयास किए जाएंगे।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले दो कार्यकालों में हरियाणा के किसानों को एमएसपी के रूप में सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक मिले थे, जबकि हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनने के बाद धान, बाजरा और मूंग के किसानों को एमएसपी के रूप में 14 हजार करोड़ रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए भी 800 करोड़ रुपये से अधिक दिए गए। हरियाणा को हरित क्रांति का अगुआ बनाने में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की अहम भूमिका को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अब 21वीं सदी में हरियाणा को बागवानी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में महाराणा प्रताप विश्वविद्यालय की भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा कि आज महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के नए परिसर का शिलान्यास किया गया है और इससे इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले युवाओं को नई सुविधाएं मिलेंगी।
अपने संबोधन का समापन करते हुए श्री मोदी ने हरियाणा की महिलाओं को भरोसा दिलाया कि राज्य तेजी से विकास करेगा और केंद्र तथा राज्य की सरकारें अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम करेंगी। उन्होंने विश्वास जताया कि हरियाणा में महिला शक्ति की भूमिका और मजबूत होगी।
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा बिजली मंत्री श्री मनोहर लाल, सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ‘बीमा सखी योजना’ पहल 18-70 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है, जो दसवीं कक्षा पास हैं। वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद, वे एलआईसी एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं और स्नातक बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी की भूमिका के लिए योग्य होने का अवसर मिलेगा।
महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल का मुख्य परिसर और छह क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, 495 एकड़ में फैले हुए हैं, जिनकी स्थापना 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से की जाएगी। विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए एक बागवानी महाविद्यालय और 10 बागवानी विषयों को कवर करने वाले पांच स्कूल होंगे। यह बागवानी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए फसल विविधीकरण और विश्व स्तरीय अनुसंधान की दिशा में काम करेगा।