हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को 14वां दिन है। लोकसभा में संविधान पर चर्चा शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में संविधान पर बहस की शुरुआत की। यह बहस संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक विशेष पार्टी द्वारा संविधान निर्माण के काम को हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की गई है। मैं आज यह स्पष्ट करना चाहता हूं, कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा, भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया दस्तावेज है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत के लोगों ने, 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अपनाया, अधिनियमित किया और राष्ट्र को समर्पित किया था। यह वह दिन था, जब भारत के लोग ‘प्रजा’ से ‘नागरिक’ बने थे। ऐसे नागरिक जिनके अपने मौलिक अधिकार थे और उनके पास एक भारतीय नागरिक होने का गौरव था। ऐसे लोग अपनी सरकार चुन सकते थे और सरकारों को बदल सकते थे।

अब देश में राजा-रानी का शासन नहीं था। राजतंत्र और ब्रिटिश तंत्र नहीं था, बल्कि जनता का शासन था और लोकतंत्र था। संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इस सदन और समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही भारत की आजादी और भारत के संविधान निर्माण से जुड़े, सभी महानुभावों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं और उन सभी को शीश झुकाकर नमन करता हूं।

भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “एक विशेष पार्टी द्वारा संविधान निर्माण के काम को हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की गई है। मैं आज यह स्पष्ट करना चाहता हूं, कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा, भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया दस्तावेज है। पश्चिमी सभ्यता में नाइट वॉचमैन स्टेट का कॉन्सेप्ट है।

इसका अर्थ है कि सरकार का दायित्व लोगों को सुरक्षा प्रदान करने तक ही सीमित रहे। किंतु हमारे देश में राजधर्म की बात कही गई है। हमारे यहां राजा भी राजधर्म से बंधा हुआ है। उसकी शक्तियां लोगों के कल्याण के लिए है। समाज के कमजोर वर्ग के लिए है। हमारा संविधान नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा संविधान नागरिकों के समग्र विकास में रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटाने का निर्देश देता है।

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