जैव विविधता, संरक्षण व संवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

गरियाबंद @ लोकेश्वर सिन्हा। गरियाबंद जिला मुख्यालय के मंगल भवन में आज जैवविविधता संरक्षण व संवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे मुख्यातिथि के रूप मे मुख्यमंत्री के सलाहकार व कृषि योजना ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा रहे वही कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष छ. ग. राज्य जैवविविध बोर्ड राकेश चतुर्वेदी रहे।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा के द्वारा सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र मे दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

वहीं प्रदीप शर्मा ने कहा कि सदियों से गरियाबंद क्षेत्र जैव विविधता से समृद्ध विरासत का पोषक रहा है। खनिज, औषधि एवं वन से परिपूर्ण इस धरा पर सभी समुदाय के लोग प्रकृति के साथ सदैव संतुलन बनाकर चले है। यहां पाये जाने वाले वनीय जड़ी-बूटी में असाध्य रोगों में भी उपचारित करने की क्षमता है, भविष्य के लिए लुप्त हो रही औषधि पौधों वनस्पतियों को बचाने हेतु स्थानीय समुदायों को इसकी बड़े पैमाने पर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए जैवविविधता प्रबंधन समितियां की बड़ी भूमिका है।

जिले मे प्रचूर मात्रा मे वन औषधि है जिसे हमें संभाल कर रखना है हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की परंपरा को जीवित रखना अनेक योजना पर काम कर रही है जब भूपेश बघेल ने प्रदेश में नरवा गरवा घुरवा योजना चालू की तब लोग इस योजना का हंसी उड़ा रहे थे लेकिन आप दूसरे राज्य भी छत्तीसगढ़ की योजना का कॉपी कर रहे हैं

इस अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि प्रकृति और मनुष्य के बीच अटूट सम्बन्ध के निर्वहन का पाठ बस्तर से सीखना चाहिए हमारे प्राचीन वेदों पुराणों एवं संस्कृति में नदी पर्वत एवं वनों की पूजा का विधान है। जो प्रकृति और हमारे बीच सुदृढ़ सम्बन्ध और सामंजस्य का परिचायक है। परन्तु प्रकृति के अवैज्ञानिक विदोहन से यह सामंजस्य अब खतरे में है जो ग्लोबल वार्मिंग के रूप में मानव जाति के समक्ष है, और अभी भी अगर हम सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी को इसका खामियाजा भूगतना पड़ेगा।

जैवविविधता बोर्ड का उद्देश्य है कि भविष्य में जैवविविधता के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों का विस्तार कर इस दिशा में किए जाने वाले अन्य प्रयासों में युवाओं को प्रेरित करें साथ ही बोर्ड का यह भी लक्ष्य कि स्थानीय समुदाय के बडे वर्ग उससे लाभान्वित हो। वही शासन द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि शासन की नरवा गरवा घुरवा बाडी योजना भी स्थानीय संसाधनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मूर्त रूप देने का एक अंग है और इसके सकारात्मक प्रभाव सभी के सामने है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा मितान क्लब के युवा सदस्य व गौठान समिति के महिला सदस्य उपस्थित रहे।

Exit mobile version