सदन में विधायक चंद्राकर की टिप्पणी पर भड़का विपक्ष, हंगामे के बाद किया बहिष्कार

रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र में मंगलवार को दोपहर बाद अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर की एक टिप्पणी पर विपक्ष भड़क गया। नाराज होकर विपक्षी विधायकों ने जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी और माफ़ी मांगने की मांग पर अड़ गए। हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्रवाई शुरू होने के बाद भी विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा और मांफी न मांगने पर अजय चंद्राकर के वक्तव्य का बहिष्कार कर दिया।

सदन की कार्रवाई के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि, कांग्रेस ने साय सरकार को अस्थिर करने षड्यंत्र रचा था। जिसमें एक समाज को आगे कर षड्यंत्र रचने की कोशिश की गई। बलौदाबाजार के कार्यक्रम में इसी सदन के 2 विधायक थे। यहां तक कि, टेंट और खाने का खर्च भी एक विधायक ने उठाया था। इतना सुनते ही विपक्षी विधायक भड़क गए और अजय चंद्राकर से माफी मांगने को लेकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

अनुपूरक बजट की चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर ने कहा कि, कांग्रेस के लोग बोल रहे हैं कि, सीएम साय तीन विधानसभा के सीएम हैं। मैं कहता हूं कि, भूपेश बघेल पूरे पांच साल एक विधानसभा के सीएम थे। पाटन से आगे विकास बढ़ ही नहीं पाया।

इससे पहले सदन में अनुपूरक बजट हुई, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि, कांग्रेस ने पिछले पांच साल में 50 हजार करोड़ का क़र्ज़ लिया था। लेकिन यह सरकार दिसंबर से लेकर अब तक लगभग 25 हजार करोड़ रूपये कर्ज ले चुकी है। पिछले सात महीने के कार्यकाल में इनका ये हाल है। विधायक श्री पटेल ने आगे कहा कि, महतारी वंदन योजना का गणित मैं नहीं समझ पा रहा हूं। सीएम साय ट्वीट कर कहते हैं कि, 70 लाख महिलाओं के खाते में 650 करोड़ गया। इसमें 50 लाख की कमी होती है। मैंने पता किया तो पता चला कि, सरकार पेंशन पाने वाली महिलाओं के पांच सौ रूपये काट रही है। यह महिलाओं के साथ धोखाधड़ी है।

भाजपा विधायक रिकेश सेन ने लहराया पोस्टर

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष में नोंक-झोंक हुई। बलौदाबाजार हिंसा का जिक्र होते ही भाजपा विधायकों ने आपत्ति की। भाजपा विधायक रिकेश सेन ने इसी बीच पोस्टर लहराने लगे। जिस पर आसंदी ने नाराजगी जताई और सभी विधायकों के लिए निर्देश जारी किया कि, कोई भी सदस्य सदन में पोस्टर नहीं दिखा सकता है। सभी सदस्यों को संसदीय परम्पराओं का पालन करना जरूरी है।

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