हमर प्रदेश/राजनीति

आरटीआई सदस्य द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर अफसर ने दर्ज कराई एफआईआर, पार्टी ने कहा -मंत्री के इशारे पर हुई कार्यवाही

गरियाबंद। गरियाबंद पांडुका के पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष और वर्तमान प्रदेश कार्यकारणी सदस्य आरटीआई प्रकोष्ठ भाजपा के प्रीतम सिन्हा के खिलाफ जल संसाधन विभाग के एसडीओ की शिकायत पर पांडुका थाने में जाति सूचक गाली देने, अफसर को धमकी देने एवं ब्लैकमेलिंग के आरोप में मामला दर्ज किया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले के पाण्डुका थाने में जल संसाधन विभाग के एसडीओ कुलेश्वर जोशी की शिकायत के अनुसार प्रीतम सिन्हा ने उनके विरूध्द सूचना के अधिकार के तहत उनके दौरा दैनंदनी की जानकारी मांगी थी। इस पर इसे निजी जानकारी बताते हुए विभाग ने जानकारी नहीं दी। जिसके बाद दफ्तर में घुसकर स्टाफ के सामने मुझे धमकी दी। इस मामले को लेकर प्रीतम सिन्हा ने उच्च अधिकारी पास अपील की। अपील की सुनवाई 27 जून को होनी थी। इसी दिन प्रीतम सिन्हा अचानक मेरे कार्यालय पहुंचे और अपील वापस लेने के नाम पर 15 हजार की मांग की। मैंने मना किया तो पूरे स्टाफ के सामने मुझसे गाली गलौच करने लगे। जिसके बाद वहां से निकल कर मैने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी देने के बाद पांडुका थाने में शिकायत की जिस पर कार्यवाही करते हुए धारा 294-IPC, 384-IPC, 3(1)(द)-SCH, 3(1)(ध)-SCH के तहत मामला दर्ज किया गया।

भारतीय जनता पार्टी के सूचना के अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विजय शंकर मिश्रा ने इस पूरे मामले को षडयंत्र पूर्वक की गई कार्यवाही बताते हुए कहा है कि प्रीतम सिन्हा द्वारा लगातार पिछले कई सालों से जल संसाधन विभाग गरियाबंद में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया जा रहा था। सन 2018 में नहर लाइनिंग के कार्य में हुए भ्रष्टाचार को लेकर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दिनेश भगोरिया समेत 2 SDO और 2 सब इंजीनियर को निलंबित कर दिया था। वर्तमान में भी प्रीतम सिन्हा के द्वारा आईटीआई के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से समाचार पत्रों के माध्यम से जल संसाधन विभाग के मामलों में हो रही अनियमित और भ्रष्टाचार को लगातार उजागर किया जा रहा था, जिस अधिकारी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

वर्तमान में प्रीतम सिन्हा द्वारा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना करते हुए वित्तीय अनियमितता कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता अधिकारी कुलेश्वर जोशी जल संसाधन विभाग फिगेश्वर एवं अन्य के विरूद्ध प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर लोक आयोग छत्तीसगढ़ में दिनांक 11/01/2023, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो छत्तीसगढ़ में दिनांक 23/11/2021 एवं 05/08/2022, पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ को दिनांक 04/01/2023 सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन 17/07/2023, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में दिनांक 17/07/2023 को लिखित शिकायत प्रेषित की गई है तथा सचिव जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ शासन को दिनांक 08/08/2023 एवं 11/08/2023 को लिखित शिकायत एवं आर.टी.आई. अंर्तगत जानकारी मांग की गई है। प्रीतम सिन्हा के द्वारा की गई शिकायत शासन और विभाग के मंत्री को हजम नहीं हुई और उन्होंने फर्जी तरीके से केस बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया है भारतीय जनता पार्टी इस मामले को लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे और इस फर्जी केस को खत्म करने की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग करेंगे।

इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगो के खिलाफ विभाग और व्यक्तियों द्वारा इस तरह के मामले दर्ज कर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को न उठाने को लेकर दबाव बनाया जाता है।

सूचना के अधिकार प्रकोष्ठ भाजपा प्रदेश संयोजक विजय शंकर मिश्रा का कहना है कि यह मामला शासन प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों सबकी मिली भगत से किया गया है। प्रीतम सिन्हा के ऊपर मामले को वापस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था, नहीं माने तो उनके ऊपर यह फर्जी केस बना दिया गया है । भाजपा इस पूरे मामले में न्याय नहीं मिलने तक अपना विरोध जारी रखेगी ।

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