गरियाबंद @ लोकेश्वर सिन्हा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आज अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने एक दिवसीय हड़ताल कर रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पहले से हड़ताल में बैठे संविदा कर्मियों ने भी कदम से कदम मिलाकर हड़ताल और रैली में शामिल होकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की मुख्य मांग छटवे वेतनमान के आधार पर देय गृह भाड़ा भत्ते को सातवे वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर दिया जाए राज्य के कर्मचारियों एवं पेशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाए. प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमिटी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति हेतु गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के क्रियान्वन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारी को चार स्तरीय वेतनमान क्रमशः 08, 16, 24, एवं 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत किया जाए एवं अनियमित संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित किया जाए।
पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जाए एवं पूर्ण पेंशन का लाभ अहर्तदायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया जाए। वहीं कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने अपना कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शासन से कहा है, कि अगर उनकी इन मांगों पर सरकार ध्यान आकृष्ट नही करती तो उनका आंदोलन और प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा अगस्त क्रांति की तरह उनका आंदोलन आगे चलता रहेगा।