सूरजपुर। कुपोषित बच्चों को विशेष देखभाल कर सुपोषित बनाने हेतु पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना किया गया। जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र के संजीत कुमार ने विगत दिनों इस केन्द्र में सम्पर्क कर टीबी के अहम् विषयों पर प्रभारी से चर्चा किया। चर्चा में सहभागी पिरामल फाऊंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी एवं सिनियर ट्वीटमेंट सुपरवाइजर मदनलाल तथा सिनियर लैब टेक्नीशियन सुपरवाइजर निलेश दुबे भी उपस्थित रहे। संजीत कुमार ने कहा कि टीबी होने के प्रमुख कारणों में कुपोषण भी है, यहां जो भी कुपोषित बच्चें आ रहें हैं यदि उनमें टीबी के सम्भावित लक्षण दिखें तो तत्काल टीबी का जांच हेतु रेफर करे।
यह संक्रमण वाला रोग है एक से दुसरे बच्चों को हो सकता है। सिनियर ट्वीटमेंट सुपरवाइजर मदनलाल ने पोषण पुनर्वास केंद्र के प्रभारी से चर्चा के दौरान लक्षण बताते हुए कहा कि भूख न लगना, वजन कम होना या घटाते जाना , शरीर सुखते जाना , साम को हल्का बुखार आना यह सभी लक्षण कुपोषण और टीबी दोनों का है इसलिए टीबी का जांच अनिवार्य रूप से करवाना चाहिए।
पिरामल फाऊंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने शारिरिक दुर्बलता और पोषणयुक्त भोज्यपदार्थ पर चर्चा करते हुए कहा कि बचपन में ही व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास होता है इसलिए इस अवस्था में विशेष देखभाल करने की आवश्यकता है।
बच्चों को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाना चाहिए। पोषण पुनर्वास केंद्र भैयाथान की प्रभारी ने जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र द्वारा दिये गये निर्देशों को गम्भीरता से लिया। और कहा कि यहां सभी बच्चे कुपोषित आते हैं और सभी का यदि टीबी का जांच हो जायें तो हम निश्चिंत रहेंगे कि यहां किसी भी बच्चें को टीबी नहीं है।