छत्तीसगढ़

वनांचल के इस विद्यालय में अब नहीं टपकता बारिश का पानी, विद्यार्थियों की दूर हुई परेशानी

कोरबा। कुछ समय पहले की बात है, वनांचल के इस विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ाई करने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार की पहाड़ी कोरबा रत्नी बाई और कक्षा चार में पढ़ने वाले सुनील को भलीभांति याद है कि जब भी बारिश होती थी, उनके स्कूल की छतों से अकस्मात कहीं पर से भी पानी टपकने लग जाता था।

बारिश के साथ शुरू हुई इस परेशानी से बचने उन्हें ही नहीं, स्कूल के सभी विद्यार्थियों को इधर-उधर भाग कर अपनी कॉपी-किताबे और खुद को भीगने से बचाने जद्दोजेहद करनी पड़ती थी। कमोवेश अब यह स्थिति नहीं है। बारिश चाहे जितनी भी जोर से और जितनी भी देर से ही क्यों न हो ? छत से न तो पानी टपकता है और न ही उन्हें अपनी कॉपी-किताबों को भीगने से बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है। स्कूल भवन का जीर्णाेद्धार हो जाने से कक्षाएं भी बेरोकटोक संचालित होती है। जिले में पांच सौ से अधिक ऐसे विद्यालय है, जिनकी मरम्मत हाल ही में की गई है और बारिश के दिनों में परेशानी झेलने वाले विद्यार्थियों को राहत पहुचाई गई है।

कोरबा जिले के अंतर्गत ग्राम छातासरई पहाड़ी कोरवाओं का एक मुहल्ला है। मुख्यमार्ग से दूर वनांचल व उचाई पर स्थित इस गांव में पहाड़ी कोरवाओं को शिक्षा से जोड़कर उन्हें विकास की राह में आगे बढ़ाने विद्यालय संचालित किया जा रहा है। यहां अध्ययन करने वाले सभी विद्यार्थी पहाड़ी कोरवा जनजाति से ही है। दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में स्थित इस स्कूल भवन की स्थिति पहले जर्जर होने के साथ ही विद्यार्थियों के लिए भी मुसीबत भरी थी। विद्यालय के शिक्षक परदेशी राम का कहना है कि स्कूल भवन की मरम्मत होने के बाद अब छत से पानी नहीं टपकता। कक्षा पांचवी में पढ़ाई करने वाल पहाड़ी कोरवा बालिका रत्नी बाई ने बताया कि  पहले पानी गिरते ही फर्श गीला हो जाता था। रात्रि में पानी गिरने के बाद सुबह फर्श पर पानी भरा रहता था। जिससे उन्हें बैठने में भी परेशानी होती थी। कक्षा चौथी के छात्र सुनील ने बताया कि जब से स्कूल के भवन को मरम्मत कराया गया है, उन्हें कक्षा में बैठने में कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ती। विद्यालय में पढ़ने वाली अनिता, ओम कुमार का भी कुछ यहीं कहना है। यहां पढ़ने वाले सभी छात्रों ने बताया कि उन्हें स्कूल में कॉपी-किताबें भी मिल गई है। ड्रेस भी दिया गया है। दोपहर को भोजन भी मिलता है। उन्हें अपना स्कूल अच्छा लगता है। प्राथमिक शाला चुईया, कोरई, सोनगुढ़ा के विद्यार्थियों ने भी बताया कि उन्हें कॉपी-किताब, स्कूल ड्रेस मिलने की बहुत खुशी है। उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में कुल 536 स्कूलों का जीर्णाेद्धार पूर्ण कर लिया गया है, जबकि 64 विद्यालयों में जीर्णाेद्धार का कार्य प्रगतिरत है। यह बताना भी लाजिमी होगा कि कोरबा जिले में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में जिले के स्कूलों में विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के 129 बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर कलेक्टर श्री अजीत वसंत द्वारा सहायक शिक्षक, भृत्य के पदों पर आसपास के विद्यालयों में मानदेय के आधार पर नियुक्ति दी गई है। साथ ही जिले के हायर सेकण्डरी, हाई स्कूलों में रिक्त 118 विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों के पदों पर भी मानदेय आधार पर नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।

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