रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत करने के दावे को लेकर भाजपा के केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों पर झूठ बोलने और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। बघेल ने कहा कि विधानसभा में मंत्री खुद स्वीकार कर चुके हैं कि 18 लाख आवास की बात करने वाली सरकार ने आज तक किसी भी हितग्राही को एक भी आवास के लिए एक भी किस्त जारी नहीं की है।
बघेल ने बताया कि विधानसभा के भीतर मंत्री ने स्वीकार किया कि एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 लाख आवास स्वीकृत करने के विज्ञापनों और प्रचार से लोगों को आवास नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि मीडिया और जनसंपर्क विभाग के जरिए भ्रम पैदा किया जा सकता है, लेकिन इससे सच्चाई नहीं बदलेगी।
केंद्र सरकार पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ने दावा किया था कि वर्ष 2022 तक सबको आवास मिल जाएगा, तो फिर तीन करोड़ नए आवास की बात कहां से आ गई। उन्होंने कहा कि यदि नई जनगणना नहीं हुई है तो यह तीन करोड़ का आंकड़ा कहां से आया?
बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार ने बजट में आवास के लिए धनराशि रखी थी और जब केंद्र ने पैसा नहीं भेजा, तो उन्होंने 7.5 लाख लोगों को पहली किस्त जारी भी कर दी थी। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार कुछ नहीं कर पा रही है और विधानसभा में सच्चाई सामने आने के बाद शिवराज सिंह चौहान से झूठ बुलवाया जा रहा है।
गरीबों के आवास पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
बघेल ने कहा कि गरीबों के आवास की बात पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे गरीबों के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं और उनके आवास की समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं।
भूपेश बघेल के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और गरीबों के आवास के मुद्दे पर क्या कदम उठाए जाते हैं।