200 साल पुराने भक्ति के आस्था का केंद्र बना निरई माता धाम, हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी करने मांगते है मुराद
रिपोर्टर : लोकेशे सिन्हा
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में कई ऐसे मंदिर हैं, जो लोगों को चकित करते हैं, यही वजह है, कि यहां दूर-दूर से लोग मंदिरों में दर्शन करने आते हैं, गरियाबंद जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित निरई माता का मंदिर है, यह मंदिर साल में एक बार चैत्र नवरात्र में पड़ने वाले पहले रविवार को ही खुलता है, बाकी दिनों में यहां आना प्रतिबंधित होता है, निरई माता में हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी करने मुराद मांगते हैं।
200 साल पुराने भक्ति के आस्था का केंद्र दो पहाड़ों के बीच स्थित निरई माता धाम में न मूर्ति है, और न ही कोई मंदिर, फिर भी हजारों श्रद्धालु यहां अपनी मन्नत लेकर आते है, और उसके पूरा होने पर बकरे की बलि देकर माता के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
कांकेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग भी साल में एक बार खुलने वाले धाम मां निरई माता के दरबार पहुंचें थे, इस देव स्थल की खास बात ये है, कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक ही दिन खुलता है, आमतौर पर मंदिरों में जहां दिनभर देवी-देवताओं की पूजा होती है, तो वहीं निरई माता के मंदिर चैत्र नवरात्रि में केवल एक विशेष दिन ही सुबह 7 बजे से 5 बजे तक माता के दर्शन किए जा सकते हैं, बाकी दिनों में यहां आना प्रतिबंधित होता है, जब भी यह मंदिर खुलता है, यहां माता के दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं।